रायपुर। नान घोटाले के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट ने कोर्ट में दिए अपने शपथपत्र में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। शपथपत्र में बिंदुवार ढंग से पिछली सरकार के कई बड़ी हस्तियों पर गंभीर आरोप लगाया है। जिनमें कई प्रभावशाली नेताओं और अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
भट्ट ने शपथपत्र में कहा है कि 2013 के चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री ने नान के तत्कालीन चेयरमेन को चुनावी फंड के लिए आदेश दिया था। जिसके बाद बीजेपी के एकाउंटेंट के पास पांच करोड़ रूपए जमा कराए गए थे।
भट्ट ने अपने शपथ पत्र में बताया कि यह राशि चना और दाल सप्लायर्स और कुछ बड़े राइस मिलर्स को मजबूर कर चुनावी चंदा के लिए हासिल किया गया था। भट्ट ने कहा है कि उसकी मौजूदगी में सप्लायर्स ने यह राशि खुद बीजेपी कार्यालय जाकर जमा किया था।
उस वक्त वहां पार्टी के बड़े पदाधिकारी मौजूद थे। भट्ट ने यह भी बताया है कि अक्टूबर 2013 में पूर्व खाद्य मंत्री के निवास में एक करोड़ रूपए चुनावी चंदा पहुंचाने गया था। इसके बाद फरवरी 2014 में नान के तत्कालीन एमडीने सीएम हाउस जाकर पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नि को तीन करोड़ रूपए दिए गए थे। भट्ट ने अपने शपथपत्र में भव्य रूप से हुए घोटाले का जिक्र करते हुए कहा है कि साल 2013 में 21 लाख फर्जी राशन कार्ड भी तैयार किए गए थे।
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