रायपुर। राजधानी में 10 करोड़ के धोखाधड़ी के शिकार हुए पीडि़त ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कार्यवाही की मांग की हैं। जिसमें श्याम सोमानी ने लिखित शिकायत करते है बताया है कि वर्तमान में वे जगदलपुर में परिवार सहित रहते और उनके चाचा श्याम सोमानी, जितेन्द्र सोमानी, संजीव कपूर एवं राजीव कपूर व्दारा बलदेव एलायस प्रा,लिमि. नामक कंपनी का सिलतरा में संयुक्त रूप से संचालन करते थे ।
इस कंपनी का वें अंशधारक भी है कंपनी घाटा में होने के कारण कंपनी को बेचना गया। जिसमें बलदेव एलायस प्रा.लिमि. कंपनी के नाम पर दो संपत्ति नागपुर महाराष्ट्र में थी। जिसे कंपनी के पार्टनर राजीव कपूर, शिल्पा कपूर एवं वामसी कृष्णा व्दारा अपराधिक षडयंत्र कर कंपनी की नागपुर की संपति को बेचकर धोखाधडी किया हैं।
जिससे कंपनी को नुकसान पहुंचाया है, जिसका एक लिखित शिकायत पत्र पेश कर कार्यवाही की मांग की गई हैं। यह भी बताया गया है कि कंपनी का पंजीकृत कार्यालय एवं प्लांट सिलतरा रायपुर में था ।
जिसमे श्याम सोमनानी के अलावा कंपनी के अन्य निदेशक संजीव कपूर, राजीव कपूर, जितेन्द्र सोमानी थे । जिसमें से राजीव कपूर को उसके व्दारा कंपनी में किये गये जालसाजी एवं अपराधिक कृत्य के कारण 05 अक्टूबर 17 को कंपनी की आससभा में सर्वसम्मति से हटा दिया गया ।
कंपनी के रायपुर स्थित प्लांट में स्पंज आयरन एवं स्टील से संबंधित कार्य किया जाता था । कंपनी के विस्तार हेतु कुछ संपत्तियों का क्रय नागपुर (महा) में किया गया था । कंपनी का सारा देखरेख, लेनदेन आदि का कार्य राजीव कपूर व्दारा किया जाता था ।
कंपनी के मालिकाना हक में नागपुर (महाराष्ट्र) स्थित भूमि जो कि मोजा घोघली, खसरा नंबर 22/2, रकबा लगभग 2.08 हेक्टेयर, पटवारी हल्का नंबर 38 तथा दूसरी भूमि जो रकबा लगभग 5394.27 खसरा नंबर 40/1, पटवारी हल्का नंबर 38, मोजा बेलतारोडी, ग्राम पंचायत बेसा, तहसील एवं जिला नागपुर में स्थित है जो कि कंपनी की ओर से राजीव कपूर व्दारा वर्ष 2009 में कंपनी की पूंजी से क्रय कर कंपनी के नाम से नामांकन कराकर कंपनी के आधिपत्य में लिया गया था, उपरोक्त दोनों संपत्ति आज भी कंपनी के खाताबही में दर्ज है ।
मुझे ज्ञात हुआ कि वर्ष 2014 में उक्त निदेशक राजीव कपूर ने बदनियति से उक्त दोनों संपत्ति को हडपने हेतु अपनी पत्नी शिल्पा कपूर एवं अपने कर्मचारी वामसी कृष्णा के साथ मिलकर दो कंपनियां- विदर्भ इंफ्रा रियलिटी प्रा.लिमि. एवं शिल्पा एनर्जी प्रा.लिमि. का गठन किया गया । उपरोक्त दोनों कंपनियों में शिल्पा कपूर एवं वामसी कृष्णा निदेशक है।
उक्त दोनो संपत्तियों को हडपने के उद्देश्य से तीनों आरोपियों व्दारा मिलकर 12 सितम्बर 2014 को उक्त दोनों संपत्तियों को राजीव कपूर व्दारा बिना किसी अधिकार (रिजुलेशन), निदेशकों एवं शेयरहोल्डरों की सहमति से उसके व्दारा बनाई गई फर्जी कंपनियों में पंजीयन कराकर बलदेव एलायस प्रा.लिमि. के शेयरहोल्डरों के साथ धोखा कर अत्यधिक आर्थिक नुकसान एवं विश्वास भंग किया गया ।
आगे जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि उपरोक्त दोनों फर्जी कंपनियों का गठन 8 सितंबर14 को हुआ, उसी दिन नागपुर स्थित बलदेव एलायस प्रा.लिमि. की दोनों संपत्तियों को क्रय करने हेतु उपरोक्त दोनों फर्जी कंपनियों के निदेशक मंडल की बैठक भी हो गई ।
दोनों फर्जी कंपनियों के व्दारा पारित किये गये रिजुलेशन में कंपनी का एवं पंजीकृत पता भी अंकित नहीं किया गया जो कि कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार अनिवार्य है । यह विदित हो कि कंपनी अधिनियम का उल्लंघन करने पर शास्ति का प्रावधान है ।
यह उल्लेख करना आवश्यक है कि8 सितंबर2014 को दोनों फर्जी कंपनियों की अधिकृत पूंजी मात्र 2 -2 लाख रूपये थी और करोडों रूपये की संपत्ति क्रय करने का निर्णय लिया गया ।
यह बताना आवश्यक है कि तीनों आरोपियों व्दारा उपरोक्त दोनों संपत्तियों को हडपने की इतनी जल्दबाजी थी कि उसी दिन 8 सितंबर 2014 को दोनों फर्जी कंपनियां विदर्भ एवं शिल्पा एनर्जी का गठन किया गया॥
बैंक में बिना किसी नियमों का पालन करते हुये खाता भी खोल दिया गया, जबकि नियमानुसार किसी भी बैंक में कंपनी का खाता खोलने हेतु नियम का पालन करना अनिवार्य है । आश्चर्य की बात यह है कि बैंक व्दारा उसी दिन 8 सितंबर 2014 को उक्त दोनों फर्जी कंपनियों को चेकबुक भी जारी कर दिया गया ।
आरोपी राजीव कपूर व्दारा बलदेव एलायस प्रा0लिमि0 का एक ऐसा बैंक एकांऊट जो उनके स्वयं के हस्ताक्षर से संचालित होता है, में विदर्भ एवं शिल्पा एनर्जी के चेक क्रमांक 11500000 एवं 3000000 लाख रूपये उसी दिन 8 सितंबर 2014 को जमा कराकर एवं 9 सितंबर 2014 को सेल्फ चेक के माध्यम से निकालकर गबन कर लिया गया । उक्त रूपये कंपनी में जमा नहीं कराया गया ।
यह ज्ञात हो कि बलदेव एलायस प्रालिमि के अन्य बैंक खाते संयुक्त हस्ताक्षर से ही संचालित होते हैं । आयकर अधिनियम के अनुसार किसी भी संपत्ति के विक्रय करने पर 1 प्रतिशत टीडीएस काटना अनिवार्य है किन्तु उक्त दोनों फर्जी कंपनियां विदर्भ एवं शिल्पा व्दारा अपने कृत्य को छुपाने हेतु 1 प्रतिशत टीडीएस नहीं काटा गया, यदि 1 प्रतिशत टीडीएस काटा जाता तो आयकर के फार्म 26 एएस में उपरोक्त टीडीएस राशि दिख जाती जिससे उनका फर्जीवाडा पकड में आ जाता ।
यहां उल्लेख करना आवश्यक है कि नागपुर स्थित उपरोक्त दोनों संपत्तियों को विक्रय करने हेतु बलदेव एलायस प्रालिमि की किसी भी बोर्ड मीटिंग एवं शेयर होल्डर्स की मीटिंग में निर्णय नहीं लिया गया एवं न ही कोई प्रस्ताव पास किया गया ।
आरोपी राजीव कपूर को उक्त संपत्ति के विक्रय हेतु बलदेव एलायस प्रा.लिमि. व्दारा कभी भी अधिकृत नहीं किया गया । बलदेव एलायस प्रा.लिमि. के वित्तीय वर्ष 2014- 15 में नागपुर स्थित दोनों संपत्तियों का विक्रय आरोपी राजीव कपूर व्दारा नहीं दर्शाया गया एवं स्वयं के हस्ताक्षर से उक्त वित्तीय वर्ष 2014- 15 के आडिट रिपोर्ट में हस्ताक्षर किया गया । इससे यह प्रमाणित होता है कि राजीव कपूर व्दारा अपने अधिकारों का दुरूपयोंग कर कंपनी के साथ धोखाधडी किया गया ।
बलदेव एलायस प्रालिमि के वित्तीय वर्ष 2014 -15 के आयकर विवरणी के सूक्ष्म परीक्षण के समय आयकर विभाग व्दारा स्वयं के स्त्रोत से उक्त संपत्तियों के विक्रय का पता लगाकर कंपनी पर लगभग 3.5 करोड रूपये का अतिरिक्त करारोपण किया गया ।
जांच करने पर यह भी पता चला कि नागपुर स्थित एक संपत्ति जिसका बाजार मूल्य लगभग 6 करोड से अधिक था तथा शासकीय मूल्य 4.48 करोड था को 1.15 करोड में, दूसरी संपत्ति जिसका बाजार मूल्य 0.70 करोड तथा शासकीय मूल्य 0.50 करोड था को 0.30 करोड में विक्रय कर दिया गया ।
उपरोक्त बिंदुओं से यह प्रमाणित है कि राजीव कपूर व्दारा बलदेव एलायस प्रा.लिमि. की नागपुर स्थित संपत्तियों को हडप कर, जालसाजी कर, कंपनी एवं शेयर होल्डरों को लगभग 10 करोड रूपये का नुकसान पहुंचाने की मंशा से अपनी पत्नि शिल्पा कपूर एवं अपने कर्मचारी वामसी कृष्णा के साथ मिलकर उपरोक्त दोनों विदर्भ एवं शिल्पा एनर्जी के नाम से फर्जी कंपनी का गठन किया गया । वहीं राजीव कपूर, शिल्पा कपूर एवं वामसी कृष्णा पर एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की मांग की हैं।
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