बिलासपुर। पूर्व विधायक अमित जोगी को कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई। कोर्ट ने जमानत याचिका को निरस्त कर दिया। पेंड्रा कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अमित जोगी पर प्रजातंत्र के पावन मंदिर विधानसभा में सदस्य निर्वाचित होने के लिए फर्जी दस्तावेज करने का गंभीर आरोप है और जमानत देना युक्तियुक्त करण नहीं है।
साक्ष्यों को प्रभावित किया जा सकता है। इस आधार पर अमित जोगी की जमानत याचिका निरस्त की गई है। मामले में एडीजे कोर्ट में आज दोपहर में ही सुनवाई पूरी हो गई थी। लेकिन कोर्ट ने जमानत पर शाम तक के लिए फैसला सुरक्षित रखा लिया था। सुनवाई पूरी होने के बाद अमित जोगी को वापस जेल भेज दिया गया था।
ज्ञात हो कि अमित जोगी को मंगलवार को उनके मरवाही सदन से गौरेला थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस ने श्री जोगी को सेशस कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट में अमित जोगी ने खुद अपनी पैरवी की थी।
कोर्ट में कल हुई सुनवाई के दौरान अमित जोगी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया था। इसके बाद अमित जोगी ने अपनी जमानत को लेकर एडीजे कोर्ट में याचिका लगाई थी।
इस याचिका पर आज सुनवाई भी हुई लेकिन कोर्ट ने अमित जोगी की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया। अमित जोगी ने कोर्ट में तर्क दिया कि मेरा जन्म चाहे कहीं भी हुआ हो। मैं निर्वाचन लडऩे के योग्य भी था। मेरी नागरिकता का प्रमाण मैंने दे दिया था।
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