रायपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारी लॉयल्टी बोनस एवं 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि नहीं मिलने से आक्रोशित हैं। कर्मचारियों ने विभागीय मंत्री से बोनस एवं वेतन वृद्धि अतिशीघ्र प्रदान किए जाने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 13000 संविदा अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यरत हैं।
वर्ष 2018-19 की वार्षिक कार्योजना में स्वीकृति अनुसार 3 तथा 5 वर्षों से अधिक अवधि पूर्ण कर चुके संविदा अधिकारी एवं कर्मचारी लॉयल्टी बोनस क्रमश: 10 तथा 15 प्रतिशत राशि दिया जाना था परन्तु आज पर्यंत तक उन्हें लॉयल्टी बोनस नहीं दिया गया है।
इसी प्रकार से वर्ष 2019-20 की वार्षिक कार्योजना में स्वीकृति अनुसार लॉयल्टी बोनस एवं 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि तथा लॉयल्टी बोनस आज पर्यंत तक नहीं दिया गया है।
बताया जात है कि वर्ष 2018-19 की तरह ही राज्य के अधिकारियों ने स्वयं का लॉयल्टी बोनस एवं 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि हेतु मिशन संचालक को घेरे हुए हैं तथा मैदानी स्तर पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों को इससे वंचित फिर से रखा जा सकता है।
महंगाई के इस दौर में मैदानी स्तर पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों को इस तरह से उपेक्षित रखना अपने आप में एक घोर अपराध है तथा उनके समक्ष जीवकोपार्जन हेतु जो समस्याओं से वे रूबरू हों रहे होंगे, उसका अंदाजा लगाया नहीं जा सकता।
उक्त प्रकार के भेदभाव तथा उपेक्षा के कारण मैदानी स्तर पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है तथा वे आंदोलन हेतु योजना बना रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत मैदानी स्तर पर कार्यरत संविदा कर्मचारियों ने विभागीय मंत्री टी. एस. सिंहदेव से वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में स्वीकृति अनुसार लॉयल्टी बोनस एवं 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि अतिशीघ्र प्रदान किए जाने हेतु मांग की है। मांग पूरी ना होने की दशा में आंदोलन हेतु विवश होने की मंशा ज़ाहिर की है।
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