जगदलपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के स्कूल में नहीं रहने और नियुक्त उम्मीदवारों के गांव के स्कूलों में नहीं जाने से इस समय पूरे संभाग में स्कूलों के काम-काज को समुचित प्रकार से चलाने शिक्षा विभाग ने नई पहल की है।
इसके अंतर्गत प्रत्येक जिले के ऐसे प्राइमरी और मिडिल स्कूल जो शिक्षकविहीन अथवा एकल शिक्षकीय हैं, वहां अध्यापन के लिए गांव-गांव में शिक्षित बेरोजगारों की खोज शुरू हो गई है।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर प्राइमरी स्कूलों के लिए बारहवीं पास और मिडिल स्कूलों में पढ़ाने के लिए विज्ञान संकाय में बीएससी करके घर बैठे युवक-युवतियों की जानकारी एकत्र करने कहा है।
उल्लेखनीय है कि इस प्रकार की भर्ती के लिए और स्कूलों में अध्यापन कराने के लिए अन्य योग्यताओं में छुट दी गई है। इसके अंतर्गत इन शिक्षित बेरोजगारों के लिए न तो टीइटी न ही डीएड, बीएड की योग्यता का मापदंड रखा गया है।
इस संबंध में यह भी विशेष तथ्य है कि जिलों के शिक्षा विभागों द्वारा पिछले दिनों शिक्षकों के रिक्त पदों पर होने वाली भर्ती में विराम के बाद शिक्षकों के स्थानांतरण से और शिक्षकों की कमी हो गई है और ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों स्कूले ऐसी हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है। (एजेंसी)
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