रायपुर। अजीत प्रमोद कुमार जोगी के विरुद्ध छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग अधिनियम 2013 की धारा 10 (1) के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया गया है। उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने 23 अगस्त को पारित आदेश के अंतर्गत थाना सिविल लाइंस बिलासपुर में कल 29 अगस्त को रात्रि 9.40 बजे कंडिका क्रमांक 7 में अजीत प्रमोद कुमार जोगी को जारी 7 जाति प्रमाण पत्र को खारिज करने हेतु आवश्यक कार्यवाही के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
इस सन्दर्भ में मैं भारतीय संविधान अनुच्छेद 20 (1) अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण ‘कोई व्यक्ति किसी अपराध के लिए तब तक सिद्धदोष नहीं ठहराया जाएगा, जब तक कि उसने ऐसा कोई कार्य करने के समय, जो अपराध के रूप में आरोपित है, किसी प्रवृत्त विधि का अतिक्रमण नहीं किया है या उससे अधिक शास्ति का भागी नहीं होगा जो उस अपराध के किए जाने के समय प्रवृत्त विधि के अधीन अधिरोपित की जा सकती थी।
वही कलेक्टर का ध्यानआकषर्ण करो हुए कहा कि किसी भी दंडनीय कानून को पूर्वव्यापी प्रभाव देने पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। उपरोक्त आदेश की कंडिका 7 में दर्शित सभी प्रमाण पत्र अधिनियम 2013 की धारा 10 (1) के लागू होने के पूर्व जारी किए गए थे।
अत: 2013 में पारित उपरोक्त अधिनियम की धारा 10 (1) अजीत प्रमोद कुमार जोगी को सन 1967, 1984, 1986, 193, 13, 2001, 2003 में जारी जाति प्रमाण पत्रों को निरस्त करने हेतु किया जाता है, तो वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 20 (1) एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित नेशनल कमिशन ऑफ वुमन स्टेट ऑफ दिल्ली और अन्य (2010 (12)55) कमलादेवी कुशल कँवर और अन्य, में स्थापित न्यायिक सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन होगा।अत: आपसे निवेदन है कि उपरोक्त प्रथम सूचना प्रतिवेदन को तत्काल शून्य घोषित करने के निर्देश जिला पुलिस अधीक्षक बिलासपुर को देने की कृपा करें। अगर आपके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है और उपरोक्त धारा के अंतर्गत अजीत प्रमोद कुमार जोगी पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही की जाती है तो इस गैरकानूनी असंवैधानिक एवं अवैधानिक कृत्य के लिए आप निजी तौर पर जवाबदार रहेंगे।
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