नई दिल्ली। एक सप्ताह से एम्स में भर्ती पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। वे आईसीयू में भर्ती हैं। उनकी हालत इस वक्त इतनी खराब है कि उन्हें वेंटिलेटर से हटाकर ईसीएमओ यानी एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (E&tracorporeal membrane o&ygenation) पर रखा गया है।
गौरतलब है कि ईसीएमओ पर मरीज को तभी रखा जाता है जब दिल, फेफड़े ठीक से काम नहीं करते और वेंटीलेटर का भी फायदा नहीं होता। इससे मरीज के शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाया जाता है। मालूम हो कि उन्हें संक्रमण ने चपेट में ले लिया है। शनिवार सुबह जेटली का हालचाल जानने राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह एम्स पहुंचे।
गृहमंत्री अमित शाह आज दोबारा जेटली का हाल जानने एम्स जाएंगे। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बसपा सुप्रीमो मायावती भी पहुंची हैं। मायावती अरुण जेटली के परिजनों से भी मिलीं। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी जेटली से मिलने अस्पताल पहुंचे हैं।
जानकारी के अनुसार, पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को 9 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ के कारण एम्स में भर्ती कराया गया था। परिजनों के अनुसार, सुबह नाश्ते के वक्त अरुण जेटली को अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई थी।
एम्स के डॉक्टरों ने भी शुरू में इसे रुटीन प्रक्रिया बताया, लेकिन दोपहर बाद जांच रिपोर्ट आने पर पता चला कि उन्हें फेफड़े में पानी भरने के कारण सांस लेने और छोडऩे में तकलीफ है। इसकी वजह से उनके दिल पर भी काफी दवाब पड़ रहा है।
डॉक्टरों ने आनन-फानन में उन्हें भर्ती करने का फैसला लिया। तब से एम्स के पल्मोनरी, हार्ट, नेफ्रोलॉजी, एंडोक्रोनोलॉजी इत्यादि पांच विभागों के वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम की निगरानी में उनका उपचार जारी है।
एम्स के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि भर्ती होने के कुछ समय बाद पूर्व वित्त मंत्री के स्वास्थ्य में स्थिरता देखने को मिली थी।
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