जम्मू। जम्मू-कश्मीर में 38 हजार अतिरिक्त जवानों की विभिन्न हिस्सों में तैनाती किए जाने की हलचल के बीच हर ओर अलग-अलग तरह की बहस छिड़ चुकी है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार 2018 से लेकर अब तक राज्य में तैनात केंद्रीय अर्धसैनिक कर्मियों की संख्या बढ़कर 75,000 हो गई है और इतनी बड़ी संख्या में सेना की तैनाती को धारा 35-ए को खत्म करने से जोड़कर देखा जा रहा है, सोशल मीडिया पर इससे जुड़े संदेश एक-दूसरे को भेज रहे हैं।
जबकि केंद्र सरकार ने इन अटकलों-अफवाहों को खारिज किया है। ऐसी चर्चा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के घोषणा पत्र में जम्मू कश्मीर अहम मुद्दे के तौर पर शामिल था।
अनुच्छेद 35-ए जम्मू-कश्मीर को विशेष बनाता है। आइए, जानते हैं कि आखिर अनुच्छेर 35 ए है क्या और इसके अंतर्गत कौन सी विशेषताएं मिलती है।
क्या है अनुच्छेद 35-A
35-ए को 1954 में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर सरकार की सहमति से राष्ट्रपति के आदेश से जोड़ा गया था। यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को राज्य के स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है।
इसके तहत यहां के निवासियों को कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं। अस्थायी नागरिक न तो जम्मू-कश्मीर में स्थायी रूप से बस सकते हैं न वहां संपत्ति खरीद सकते हैं। आदेश तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने अनुच्छेद 370 के तहत नेहरू सरकार की सलाह पर किया था जारी।
कौन हैं स्थाई नागरिक
14 मई, 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या जो 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो। इसके अलावा जिन्होंने कानूनी तरीके से यहां संपत्ति का अधिग्रहण किया हो।
क्या है आपत्ति
सीधे राष्ट्रपति के आदेश से जारी, संसद से पारित नहीं।
उठ रहे सवाल
जिन महिलाओं ने राज्य के बाहर के किसी पुरुष से विवाह किया उनके बच्चों के अधिकारों को लेकर। निजी क्षेत्र में निवेश हो रहा प्रभावित।
अनुच्छेद 35 A शब्दश:
अनुच्छेद 35-ए के लागू होने के बाद ये नियम प्रभावी, नामित करते हुए – 35-ए, स्थायी नागरिक और उनके अधिकारों से संबंधित कानून, – इस संविधान में समाहित कुछ भी, राज्य में वर्तमान में जारी कोई भी कानून, और इसके बाद कोई भी कानून जो राज्य विधानसभा से पारित होगा –
A- नागरिकों के वर्ग की परिभाषा तय, वे कौन हैं या कौन होंगे, जम्मू-कश्मीर राज्य के स्थायी नागरिक, या
B- इन स्थायी नागरिकों को विशेष अधिकार या सुविधाएं देने को लेकर या दूसरे लोगों को लेकर प्रतिबंध।
जैसे कि राज्य सरकार के अंतर्गत रोजगार, राज्य में संपत्ति का अधिग्रहण
राज्य में बसना, या छात्रवृत्ति का अधिकार और राज्य सरकार द्वारा अन्य मदद इस आधार पर प्रभावी नहीं होंगे कि ये भारत के नागरिकों को इस सुविधा के आधार पर वैध नहीं।
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