रायपुर। पूर्व सीएम एवं जेसीसीजे प्रमुख अजीत जोगी पत्रकारों से चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 50 प्रतिशत से अधिक पछड़ा वर्ग की आबादी है।
मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का कानून बन गया है। ऐसे प्रदेश जहां सीएम, विधानसभा अध्यक्ष, विधायक, मंत्री, पिछड़ा वर्ग से हैं। इसलिए यहां भी पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिया जाए।
उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी योजना के तहत गौठान बनाने की तारीफ तो की है। लेकिन योजना के क्रियान्वयन पर संशय जताया है। उन्होंने कहा कि क्रियान्वयन की वजह से योजना के असफल होने की आशंका है।
उन्होंने कहा कि यह अच्छी योजना है, लेकिन इसका क्रियान्वयन कठिन है। ग्रामीणों में अभी भी एक ही जगह मवेशियों को रखे की भावना नहीं है। अगर क्रियान्वयन बेहतर नहीं हुआ तो रमन सिंह सरकार की रतनजोत योजना की तरह ये योजना भी सफल नहीं हो पाएगी।
पूर्व सीएम अजीत जोगी ने कहा कि प्रदेश के बुनकरों की स्थिति काफी खराब है। उन्होंने राज्य सरकार की तरफ से होने वाली कपड़े की खरीदी बुनकरों के माध्यम से ही करने की मांग की है। यहां पर सबसे बड़ा उत्पादन बस्तर में होता है।
इसे हम छत्तीसगढ़ में एक बड़े ब्रांड के रूप में तैयार कर सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने हिरासत में हो रही मौत पर मृतह के परिजनों को मुआवजा के तौर पर 1 करोड़ देने की मांग की है।
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