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यूक्रेन-रूस युद्ध: रहने-खाने के बेहतर इंतजाम;स्टूडेंट्स ने कहा-कड़कड़ाती ठंड और बमबारी से मिली निजात… थैंक्स भारत सरकार…

यूक्रेन-रूस युद्ध में फंसे छत्तीसगढ़ के साथ ही इंडियन स्टूडेंट्स के बॉर्डर से नए वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं। दैनिक भास्कर को वीडियो भेजकर स्टूडेंट्स ने वहां किए गए इंतजाम को सराहा है। कहा कि अभी तक बमबारी और कड़कड़ाती ठंड में परेशान थे, लेकिन अब हमारे लिए केंद्र सरकार और दूतावास ने अच्छी व्यवस्था की है। यह इंतजाम रोमानिया, हंगरी और चोप बार्डर पर किए गए हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स ने केंद्र सरकार को थैंक्स भी बोला है।
यूक्रेन में छत्तीसगढ़ के साथ ही देश भर के विभिन्न राज्यों के स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं। भारतीय दूतावास ने केंद्र सरकार के निर्देश पर जब बच्चों को यूक्रेन के पश्चिमी शहरों की ओर जाने की सलाह दी। तब वहां भागमभाग की स्थिति बन गई। इसके चलते जानकारी के अभाव में स्टूडेंट्स गोली और बमबारी के बीच भागते हुए सीधे बॉर्डर तक पहुंच गए।उन्हें अव्यवस्था और तकलीफों का भी सामना करना पड़ा और बॉर्डर में माइनस डिग्री तापमान में कड़कड़ाती ठंड के बीच उन्हें परेशान होना पड़ा। उनकी दिक्कतों को देखते हुए दूतावास ने केंद्र सरकार और स्थानीय देशों की मदद से बॉर्डर में उनके ठहरने और खाने की मुफ्त व्यवस्था भी की है।
देखिए कितनी अच्छी व्यवस्था है सर…
जांजगीर-चांपा जिले के स्टूडेंट्स राजेश गबेल ने दैनिक भास्कर को एक वीडियो भेजा है। उसने बताया कि देखिए सर हमारे लिए कितना अच्छा इंतजाम किया गया है। हमें हंगरी के होटल में ठहराया गया और भोजन समेत तमाम सुविधआओं की भी व्यवस्था की गई।
पोलैंड में आर्ट ऑफ लिविंग के स्वयंसेवक कर रहे मदद
जांजगीर-चांपा के ही छात्र आयुष शुक्ला खारकीव में फंसा था। आयुष ने बताया कि अभी वह पोलैंड बॉर्डर में है। आयुष और उसके दोस्तों को यहां आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के स्वयं सेवकों के रहने खाने की व्यवस्था की है। आयुष ने बताया कि ट्रस्ट की ओर से उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। इनके वालंटियर दिन रात स्टूडेंट्स की सेवा में लगे हुए हैं।
रोमानिया बॉर्डर पर शेल्टर में किए गए इंतजाम
बिलासपुर के छात्र अभिषेक ने बताया कि बॉर्डर पहुंचने तक उन्हें भले ही परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन, बॉर्डर पहुंचने के बाद उनकी तकलीफें दूर हो गई हैं। यूक्रेन के डेनिपर में वह बंकर में छिपा हुआ था। दूतावास की एडवाजरी जारी होते ही वह किसी तरह रोमानिया बॉर्डर पहुंच गया, यहां अब सभी स्टूडेंट्स के लिए रहने खाने की व्यवस्था की गई है। यहां से उनके भारत जाने की भी व्यवस्था की गई है।

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