रायपुर। प्रदेश कांग्रेस की दो महत्वपूर्ण बैठकें शनिवार को प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में संपन्न हुई। पहली बैठक प्रदेश कार्यकारणी की हुई। दूसरी बैठक जिला एवं ब्लाक कांग्रेस अध्यक्षों, प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा संगठन प्रकोष्ठ विभाग के अध्यक्षों की हुई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने 6 महिने के कार्यकाल में जनता को राहत देने वाले बड़े फैसले लिये है। हमारे कामों को वित्त आयोग और नीति आयोग ने भी सराहा है।
6 माह में कांग्रेस की सरकार ने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे कार्यकर्ता को सिर छुपाने की नौबत आये। सरकार के फैसलों को आप जनता के सामने गर्व से बता सकते है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि संगठन के एक-एक पदाधिकारी और कार्यकर्ता की जवाबदारी है कि वह कांग्रेस सरकार के द्वारा लिये गये निर्णयों और जनहित के फैसलों को जनता तक पहुंचाये।
वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने सरकार की योजनाओं और निर्णयों की विस्तृत जानकारी कांग्रेस के पदाधिकारियों को दिया। मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा ने राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि इस योजना से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होने के साथ हमारे प्राकृतिक और नैसर्गिक संसाधनों का संरक्षण होगा तथा रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।
वहीं इस बैठक में प्रदेश कार्यकारणी की तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित हुआपहला प्रस्ताव महामंत्री रमेश वर्ल्यानी ने रखा। प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रदेश में 15 वर्षो तक डॉ. रमन सिंह की भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ में चल रही लाठी गोली, भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के वातावरण से सभी भली-भांति अवगत है।
कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आज प्रदेश में वातावरण बेहतर हुआ है और प्रदेश विकास और शांति के रास्ते पर चहुंमुखी प्रगति की ओर बढञ रहा है।
पूर्व भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी पर रोक एवं मामलों की जांच को चुनाव में मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव लड़े और तीन चौथाई बहुमत प्राप्त किया। प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारणी कांग्रेस सरकार द्वारा इस दिशा में की जा रही कार्यवाही के प्रतिपूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुये समर्थन व्यक्त करती है।
जिसे कार्यसमिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया। दूसरा प्रस्ताव पदमा मनहर ने रखा। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माताओं ने एक समृद्ध शांतिपूर्ण और स्वाभिमानी छत्तीसगढ़ का सपना देखा था।
2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी जैसे क्रांतिकारी कार्यक्रम किसानों का कर्जा माफ 2500 रू. प्रति क्विंटल में धान की खरीदी, 400 यूनिट बिजली बिल आधा, भूमिहिनों का पट्टा, युवाओं को रोजगार के लिये विभिन्न पदों में भर्ती, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 25000 रू., आदिवासियों की जमीन वापसी, वन अधिकार, बस्तर, सरगुजा एवं मध्य क्षेत्र के विकास प्राधिकरण का गठन कर स्थानीय आदिवासी विधायकों को प्रतिनिधित्व, जन्म के साथ जाति प्रमाण पत्र, हरेली, तीजा, कर्मा जयंती में छुट्टी, गाईडलाइन रेट में 30 प्रतिशत कटौती (गुमाशता लाइसेंस के हर वर्ष नवीनीकरण से मुक्ति), छोटे प्लाटो की रजिस्ट्री, सभी परिवारों को न्यूनतम 35 किलो चावल, आदिवासियों की जमीन खरीदी, 4000 रू. में तेंदूपत्ता की खरीदी जैसे फैसलों से छत्तीसगढ़ के मजदूर, किसान, व्यापारी, कर्मचारी सभी वर्गो को राहत दी गयी है और प्रदेश के भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली सरकार समाज के सभी वर्गो के हित में अच्छा काम कर रही है।
निंदा-प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने रखा। जिसमें कहा गया है कि उत्तरप्रदेश में आदिवासी समाज के सामूहिक नरसंहार की घटना की छत्तीसगढ़ कांग्रेस कड़ी निंदा करती है।
घटना की जानकारी मिलने पर और पीडि़त परिवारों से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव और उत्तरप्रदेश की प्रभारी श्रीमती प्रियंका गांधी को गिरफ्तार किया गया। भाजपा सरकार और मोदी-शाह-योगी के प्रति बड़ती नाराजगी और जनाक्रोश का कारण बनी उत्तरप्रदेश की नरसंहार की घटना की कड़ी निंदा करती है।
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