नई दिल्ली। अपने लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने 25 जुलाई को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.4 लाख अतिरिक्त घर बनाने की मंजूरी दे दी है। अब इस योजना के तहत बनने वाले कुल घरों की संख्या 85 लाख हो जाएगी। छत्तीसगढ़ सहित उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, असम, महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा के लोगों को इसका फायदा होगा।
दरअसल 2022 में स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में सरकार इस साल तक कई बड़ी योजनाओं पर काम कर रही है। पीएम मोदी ने साल 2022 तक सभी को घर मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री आवास योजना पर सरकार 2014 के मुकाबले 2019 में दोगुने से ज्यादा पैसे खर्च कर रही है।
मोदी सरकार का पूरा फोकस 2024 तक भारत को 5 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर है। इसी कड़ी में 2022 पीएम आवास योजना के तहत 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
बजट में सरकार के उन लक्ष्यों को पूरा करने पर जोर दिया गया है, जिसका वादा चुनाव से पहले किया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान बताया था कि अभी तक 26 लाख घरों का निर्माण पूरा हो चुका है, 24 लाख को घर दिया जा चुका है। हमारा लक्ष्य 2022 तक हर किसी को घर देने का है। 95 फीसदी से अधिक शहरों को ह्रष्ठस्न घोषित किया गया है।
दरअसल लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने 25 जुलाई यानी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.4 लाख अतिरिक्त घर बनाने को मंजूरी दे दी है। अब इस योजना के तहत बनने वाले कुल घरों की संख्या 85 लाख हो जाएगी।
यूनियन हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री ने मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद इस फैसले के बारे जानकारी दी गई। इस बयान में बताया गया कि इस योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए 1,40,134 अतिरिक्त घर बनाए जाएंगे।
किन राज्यों में कितने घर बनाए जाएंगे, मंत्रालय की ओर से इसके भी आंकड़े सार्वजनिक कर दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश में 54,277 घर, पश्चिम बंगाल में 26,585 घर, गुजरात में 26,183 घर, असम में 9,328 घर, महाराष्ट्र में 8,499 घर, छत्तीसगढ़ में 6,507, राजस्थान में 4,947 घर और हरियाणा में 3,808 घर बनाए जाएंगे।
दी गई जानकारी के मुताबिक कुल 492 प्रोजेक्ट्स हैं, जिनपर 6,642 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनमें से केंद्र ने अपनी तरफ से 2,102 करोड़ की आर्थिक सहायता को मंजूरी दे दी है। सरकार का कहना है कि 2022 तक सभी को घर देने की दिशा में जोर-शोर से काम हो रहा है।
गौरतलब है कि लोकसभा में 2019-20 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि पिछले 5 वर्षों में 1.54 करोड़ ग्रामीण आवासों का निर्माण पूरा कर लिया गया है और 2019 से 2022 तक पीएमएवाई-जी के दूसरे चरण में 1.95 करोड़ आवास पात्र लाभान्वितों को प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया है। इन आवासों में शौचालय, बिजली और एलपीजी कनेक्शन जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
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