रायपुर। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) छत्तीसगढ़ के 27 विकासखंडों में अब रोजगार के साथ ही खाद्य, पोषण, सुरक्षित पेयजल, स्वास्थ्य और स्वच्छता को भी ग्रामीण परिवारों तक पहुंचाने के लिए कार्य करेगी।
इसके प्रभावी क्रियान्वयन की रणनीति तैयार करने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव (ग्रामीण आजीविका) सुश्री नीता केजरीवाल और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक अभिजीत सिंह की मौजूदगी में कार्यशाला के अंतिम दिन ‘बिहान के विस्तारित स्वरूप को गांवों तक पहुंचाने की रणनीति और कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया।
कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री नीता केजरीवाल ने कहा कि आजीविका मिशन के विस्तारित स्वरूप को चयनित विकासखंडों में प्रभावी ढंग से लागू करने अलग-अलग विभागों को साझा लक्ष्य के साथ काम करना होगा।
महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, स्वच्छ भारत मिशन, पशुधन विकास, कृषि, उद्यानिकी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वित कार्यों से ही हम गांवों में रोजगार के साथ खाद्य सुरक्षा, पोषण, बेहतर स्वास्थ्य, पेयजल और स्वच्छता का लक्ष्य हासिल कर पाएंगे। कार्यशाला में बस्तर विकासखंड से आईं महिलाओं ने वहां ‘बिहान के नए रूप के परिणामों के अनुभव साझा किए।
वहां भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्थिति में आए सुधार से सुश्री केजरीवाल काफी प्रभावित हुईं और वहां काम कर रहे स्वसहायता समूहों की सराहना की। उल्लेखनीय है कि बस्तर विकासखंड में ‘बिहान का विस्तारित रूप ‘स्वाभिमान पायलट प्रोजेक्ट के रूप में वर्ष 2016 से संचालित है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक अभिजीत सिंह ने कार्यशाला में कहा कि ‘बिहान ग्रामीणों के आजीविका विकास के साथ-साथ गांव के अंतिम छोर के व्यक्ति तक खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य, सुरक्षित पेयजल एवं स्वच्छता संबंधी सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कार्यशाला में शामिल विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों से अपने-अपने विभागों की योजनाओं के जरिए इसमें सक्रिय योगदान देने कहा।
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