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इन चीजों के बगैर अधूरी गणपति की पूजा, नोट कर लें गणेश चतुर्थी की पूजन सामग्री

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा का विधान है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गणेश जी का प्राकट्य हुआ था. गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश अपने भक्तों के बीच रहते हैं और उन्हें अपनी पूजा-उपासना का अवसर देते हैं. महापर्व की इस अवधि में गणेश भगवान की पूजा करने से हर संकट दूर हो जाता है और श्रद्धालुओं को मनचाहा वरदान भी प्राप्त होता है. इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व बुधवार, 31 अगस्त को मनाया जाएगा.

गणेश चतुर्थी का मुहूर्त
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 30 अगस्त 2022 को दोपहर 03 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ होगी और अगले दिन 31 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. उदिया तिथि के कारण गणेश चतुर्थी का उत्सव 31 अगस्त को ही मनाया जाएगा. 31 अगस्त से 09 अगस्त यानी अनंत चतुर्दशी तक गणेश महोत्सव मनाया जाएगा. 09 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के साथ महापर्व का समापन हो जाएगा.

गणेश चतुर्थी से अगले दस दिनों तक भगवान गणेश के भक्त उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. इस अवधि में भगवान गणेश की पूजा में कुछ खास चीजों को शामिल किया जाता है. इन चीजों के बिना गणपति की पूजा बिल्कुल अधूरी मानी जाती है.

गणेश पूजा शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Shubh Muhurt)
अमृत योग: सुबह 07 बजकर 05 मिनट से लेकर 08 बजकर 40 मिनट तक
शुभ योग: सुबह 10 बजकर 15 से लेकर 11 बजकर 50 मिनट तक

गणेश चतुर्थी की सामग्री (Ganesh Chaturthi Pujan Samagri)
गणेश चतुर्थी के त्योहार में कुछ खास चीजों का इस्तेमाल होता है. इन चीजों के बगैर गणेश चतुर्थी की पूजा अधूरी मानी जाती है. गंगाजल, धूप, दीप, कपूर, मूर्ति स्थापित करने के लिए चौकी, लाल रंग का कपड़ा, दूर्वा, जनेऊ, रोली, कलश, मोदक, फल, सुपारी, लड्डू, मौली, पंचामृत, लाल चंदन, पंचमेवा इत्यादि.

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