इंग्लैंड ने रोमांच के चरम तक पहुंचे वर्ल्ड कप 2019 फाइनल में रविवार को लॉर्ड्स में मैच और सुपर ओवर के ‘टाई’ होने के बाद भी न्यूजीलैंड पर बाउंड्री की गिनती ज्यादा होने के कारण पहली बार वर्ल्ड चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया।
मैच पहले टाई रहा और फिर सुपर ओवर में भी दोनों टीमों ने समान रन बनाए। इसके बाद फैसला ‘बाउंड्री’ से किया गया। मेजबान इंग्लैंड अधिक ‘बाउंड्री’ लगाई थी और आखिर में 1975 से चला आ रहा उसका खिताब का इंतजार खत्म हो गया।
सुपर ओवर को छोड़ दें तो इस मैच में खराब अंपायरिंग भी सबसे बड़ी वजह रही जिसने न्यूजीलैंड से वर्ल्ड चैम्पियन बनने का मौका छीन लिया। फाइनल में अंपायर कुमार धर्मसेना और माराइस एरास्मस ने तीन गलत फैसले दिए जिसका इंग्लैंड को फायदा मिला वहीं न्यूजीलैंड का दिल टूट गया।
हेनरी निकोल्स को गलत एलबीडब्ल्यू- न्यूजीलैंड की पारी के तीसरे ओवर में हेनरी निकोल्स को धर्मसेना ने एलबीडब्ल्यू आउट करार दिया था। हालांकि रिव्यू के बाद वह नाबाद करार दिए गए थे, क्योंकि गेंद स्टंप्स के ऊपर से जा रही थी।
DRS ने छीना केन विलियमसन का विकेट- इसके बाद 23वें ओवर में लियाम प्लंकेट की गेंद केन विलियमसन के बल्ले से लगकर विकेटकीपर के हाथों में गई, लेकिन धर्मसेना ने आउट करार नहीं दिया। इंग्लैंड ने फैसले पर रिव्यू लिया और फैसला उनके पक्ष में गया।
रॉस टेलर पर गलत फैसला- 34वें ओवर में मारेयस ऐरामस ने मार्क वुड की गेंद पर रॉस टेलर को एलबीडब्ल्यू करार दिया, हालांकि रिप्ले में साफ था कि गेंद स्टंप्स के ऊपर से जा रही थी। हालांकि मार्टिन गप्टिल ने पहले ही न्यूजीलैंड का रिव्यू गंवा दिया जिसके कारण टेलर को वापस जाना पड़ा।
इंग्लैंड के सामने 242 रन का लक्ष्य था लेकिन उसके चोटी के चार विकेट 86 रन पर गंवा दिये थे। बेन स्टोक्स (98 गेंदों पर नाबाद 84) और जोस बटलर (60 गेंदों पर 59) ने पांचवें विकेट के लिए 110 रन की साझेदारी करके स्थिति संभाली लेकिन इंग्लैंड की टीम 241 रन पर आउट हो गई।
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