रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने जिलों के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारीयो को बीमारियों की रोकथाम के लिए 24 घंटे अलर्ट रहने को कहा है। अस्पतालों में मौसमी बीमारियों की दवाएं भी उपलब्ध रखने को कहा गया है।
इसके लिए सीएमएचओ कार्यालय के सुपरवाइजरों सहित डॉक्टरों की टीम गठित कर किसी भी बिमारी के रोकथाम के लिए रखा गया है। ग्रामीण अंचलों में समय-समय पर फॉगिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के पीएचसी और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में इमरजेंसी सेवा के लिए किट दे दी गई है। इससे सूचना मिलते ही प्रभावित स्थल का सर्वे कर टीम कैम्प लगाकर इलाज करेगी।
बारिश में सबसे ज्यादा मौसमी बीमारियों का खतरा बना रहता है। मलेरिया, डेंगू, पीलिया जैसे बीमारियाँ बरसात में सेहत को नुकसान करने के लिए तैयार रहती हैं। जिला सीएमएचओ डॉ खेदूराम सोनवानी ने बताया रायपुर जिले में 27 लाख की आबादी है जिसमें 13 लाख रायपुर नगर निगम में निवासरत हैं।
जिले में चार ब्लॉक धरसींवा,तिल्दा,आरंग, और अभनपुर में गांवों की संख्या 491 है।वहीं जिले में आठ सामुदायिक केन्द्र और 36 पीएचसी हैं।बरसात के मौसम में ज्यादातर लोग बीमारी की चपेट में आते हैं जिसे देखते हुए सभी पीएचसी, सीएचसी, मितानिन, एएनएम सहित अन्य कार्यकर्ताओं को सजग रहने का निर्देश दिया गया है । हर साल जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में उल्टी-दस्त,बुखार,पीलिया और डेंगू सहित कई बीमारियां फैलती हैं।
ऐसे में संबंधित गांवों में कैंप लगाया जाता है। उन्होंने कहा जिले में चमकी बुखार की कोई शिकायत अभी-तक नहीं मिली है। आगे डॉ सोनवानी ने बताया राजधानी के नगर निगम क्षेत्र में चंगोराभाठा और राजातालाब वार्ड में टाईफाइड के दर्जन भर मरीज मिले थे जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को कैम्प करने के लिए तैनात कर दिया गया था। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं ।
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