राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में आज मानव तस्करी का एक मामला सामने आया। जिसमें लगभग 34 नाबालिग बच्चों को जीआरपी पुलिस की मदद से रेलवे स्टेशन में उतारा गया। सभी बच्चे पश्चिम बंगाल की ओर से मुंबई ले जाये जा रहे थे।
रायपुर से राजनांदगांव की ओर आ रही वकील स्मिता पांडे ने हावड़ा मुंबई मेल में सफर के दौरान कुछ नाबालिग बच्चों को एक बोगी में सवार देखा तो उन्होंने उनसे पूछताछ की, कि वह इतनी संख्या में कहां जा रहे हैं।
इसके जवाब में बच्चों ने मुंबई जाना बताया लेकिन उनके साथ कोई भी बड़ा मौजूद नहीं था। बच्चों की उम्र 6 से 13 वर्ष के आसपास बतया जा रहा है। वहीं उनके साथ महज एक 20-22 वर्षीय युवक ही साथ था। युवक से पूछताछ करने पर उसने बच्चों को पढ़ाई के लिए मुंबई ले जाने की बात कही।
मामले को संदिग्ध मानते हुए वकील स्मिता पांडे ने तत्परता दिखाई और पुलिस के आला अधिकारियों को मानव तस्करी के संदेह होने पर सूचित किया। इसके बाद दुर्ग से गाड़ी निकलते ही बच्चों को राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में सुरक्षित उतारा गया।
अधिवक्ता स्मिता पांडे ने बताया कि हावड़ा मुंबई मेल में सभी बच्चों को ले जाया जा रहा था। बच्चों को मुंबई ले जाने की बात कहीं गई है। वहीं इस मामले में संलिप्त युवक ने स्वयं को मदरसे का टीचर बताया और इन बच्चों को मदरसे की पढ़ाई के लिए मुंबई ले जाना बताया।
वहीं उक्त बच्चे बिहार क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं। पुलिस ने सभी बच्चों को सुरक्षित उतारा है और उनके परिजनों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव ने बताया कि बड़ी संख्या में इन बच्चों को मुंबई ले जाए जाने का मामला सामने आते ही प्रशासन में हडक़ंप मच गया और राजनंदगांव रेलवे स्टेशन पर पुलिस के आला अधिकारी सहित जीआरपी पुलिस बच्चों को स्टेशन परिसर में ही उतारे रखा।
इन बच्चों को मुंबई ले जाने के लिए किसी तरह का सहमति पत्र माता पिता की ओर से नहीं है। वहीं बच्चों के साथ पकड़ में आए युवक के पास भी कोई ठोस जवाब नहीं है। पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
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