नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली जीएसटी काउंसिल की बैठक शुरू हो गई है। जीएसटी काउंसिल की आज 35वीं बैठक है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में एंटी प्रोफिटियरिंग अथॉरिटी के कार्यकाल को एक साल बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 तक विस्तार देने को मंजूरी मिल सकती है।
इसके अलावा नए रिटर्न फाइलिंग सिस्टम, जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने के लिए 50 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए केंद्रीयकृत पोर्ट्ल के जरिए ई-इनवॉयस बनाने पर भी फैसला हो सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में काउंसिल की यह पहली बैठक होगी। माना जा रहा है कि 5 जुलाई को आम बजट पेश होने से पहले हो रही इस बैठक में कई चीजों के सस्ता होने पर मुहर लग सकती है।
जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में जीएसटी स्लैब को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी स्लैब की रिस्ट्रक्चरिंग की जाएगी, यानी कई चीजों को 28 फीसदी से स्लैब से बाहर किया जा सकता है।
हो सकता है सस्ती
0 डॉक्टरों ने जीएसटी काउंसिल से अनुरोध किया है कि सभी तंबाकू उत्पादों को ‘डिमैरिट गुड्सÓ मानते हुए इन पर 28 प्रतिशत का कर और इसके अलावा अधिकतम उपकर लगाया जाए। इससे ना सिर्फ तंबाकू उत्पादों के उपभोग में कमी आएगी, बल्कि सरकार के राजस्व संग्रह में भी बढ़ोतरी होगी।
0 इलेक्ट्रिक बाइक-स्कूटर पर 12 के बजाय सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी लगाने पर फैसला हो सकता है।
0 ऐसे में स्कूटर करीब 5 हजार रुपये और कार 1 लाख तक सस्ती हो जाएगी।
0 इसके अलावा 28 फीसदी जीएसटी रेट वाले कंज्यूमर आइटम्स पर भी रेट कटौती की संभावना है।
0 इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली कंपनियों ने टेलीविजन, एयर कंडिशनर (एसी) और रेफ्रिजरेटर पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर को घटाकर 12 प्रतिशत करने की मांग की है।
0 सरकारी लॉटरी पर 12 प्रतिशत जबकि प्राइवेट लॉटरी पर 28 फीसदी जीएसटी है।
> 50 करोड़ से ऊपर की बीडब्ल्यूबी डील में इ-इनवॉइसिंग अनिवार्य करने पर मुहर लग सकती है। जीएसटी चोरी रोकने के लिहाज से इसे बड़ा कदम माना जा रहा है
0 विदेशी ऑटोमोबाइल कंपनियां ईवी प्रोजेक्ट में निवेश बढ़ा सकती हैं
0 हालांकि 28 फीसदी स्लैब से ऑटोमोबाइल सेक्टर को राहत मिलने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है.
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