रायपुर। राजधानी रायपुर के प्रोफेसर कॉलोनी का श्रीधाम मठ आकर्षक का केन्द्र बना हुआ है। यह मठ अघोरियों का इकलौता मठ है जिसका पूरा गुंबद श्रीयंत्र से बना है। इसमें 43 तिकोनों के जरिए श्रीयंत्र को उकेरा गया है। यहां 21 से 25 जून तक अघोर महोत्सव मनाया जाएगा। महोत्सव में देश भर के अघोरी और भक्त शामिल होंगे।
बताया गया कि मठ का गुंबद को ऐसा बना गया है कि जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। श्रीयंत्र से बना गुंबद में 43 तिकोना है। जिसमें एक पारद शिवलिंग स्थापित है। सवा 37 फुट लंबा चौड़ा और 30 फुट उंचा यह यंत्र काफी दूर से दिखाई देता है।
बताया गया कि 16 साल पहले सन 2004 में बाबा औघडऩाथ रायपुर आए थे। उसी समय अघोरियों के लिए मठ बनाने जगह का चुनाव किया गया था। अखंड धुनी जलाकर उन्होंने यहां एक छोटे से मंदिर का निर्माण किया था। इसके बाद शिष्यों ने मठ का नवनिर्माण किया। 2018 में इस भव्य मंदिर का लोकार्पण किया गया।
मठ के अंदर ही बाबा औघडऩाथ की गद्दी लगी हुई है। पिछले 16 साल से यहां अखंड घुनी जल रही है। यहां की संचालन व्यवस्था बाबा औघडऩाथ के शिष्य संभाले हुए हैं। यहां एक महिला रोज आरती, पूजा, भोग और अग्निहोत्र कराती हैं। मठ में उन्हें मां कहकर पुकार जाता है।
मठ की एक और विशेषता है कि यहां रोज भंडारा का आयोजन किया जाता है। भंडारा इंसानों के साथ पशुओं के लिए भी होता है। पूजा के बाद रोज यहां जरुरतमंदों को खाना खिलाया जाता है। साथ ही आसपास के गाय-भैस और दूसरे जानवरों को खाना खिलाया जाता है। यहां ध्यान, योग, आयुर्वेद, अध्यात्म और सनातन संस्कृति की शिक्षा भी दी जाती है।
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