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आदिवासी समाज में प्रधान लिखकर देगा, दूल्हा नशा नहीं करता, तब होगी सगाई

विधवा महिलाओं के अकेले बाजार जाने व मजदूरी पर भी रोक

किसी ने किया उल्लंघन तो महापंचायत में होगी उस पर कार्रवाई

मध्यप्रदेश। मध्य प्रदेश के श्योपुर में आदिवासी समाज युवाओं को शराब, जुआ व बुरी आदतों से दूर रखने के लिए महापंचायत में अहम फैसले लेने की तैयारी कर रहा है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, श्योपुर के बगवाज गांव में आदिवासी समाज की महापंचायत 18 मार्च को होने वाली है। इसमें समाज यह फैसला लेने की तैयारी कर रहा है कि यदि युवा शराब पीते हैं या जुआ खेलते हैं, तो उनकी शादी तय नहीं हो सकेगी। इस बारे में उपाध्यक्ष सतीश आदिवासी ने बताया कि, यह कदम समाज द्वारा इसलिए उठाया जा रहा है ताकि युवकों की शराब और जुआ खेलने की लत छूट सके। गांव का प्रधान या पटेल जब तक यह लिखकर नहीं देगा कि युवक शराब या जुआ से दूर रहता है, तब तक उसकी सगाई तय नहीं हो सकेगी. आदिवासी समाज ने इस नियम को तोडऩे पर सजा देने का भी फैसला किया है। पंचायत के सदस्यों का कहना है कि यदि समाज का कोई परिवार इसका उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई के लिए भी महापंचायत में चर्चा की जाएगी। हाल ही में 11 गांवों की पंचायत का फैसला न मानने पर कुछ परिवारों पर 11-11 हजार रुपए का जुर्माना किया गया।


बुरी आदतें छुड़ाने के अलावा आदिवासी समाज ने कुछ तुगलकी फरमान भी सुनाए हैं। जानकारी के अनुसार, 6 मार्च को बुढ़ेरा गांव में हुई आदिवासी महापंचायत में समाज ने फैसला लिया कि समाज की विधवा महिलाएं अकेली बाजार और दिहाड़ी मजदूरी पर नहीं जा सकेंगी। इसके अलावा वह किसी के घर में नौकरानी के रूप में भी काम नहीं कर सकेंगी। इस फरमान से महिलाओं के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो सकता है। इस फरमान को लेकर स्थानीय लोगों ने कलेक्टर पीएल सोलंकी से शिकायत की, तो कलेक्टर ने 13 मार्च को समाजों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है।

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