कोलंबो। श्रीलंका में महिलाओं की नसबंदी से जुड़ी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट के बाद स्थानीय स्तर पर सांप्रदायिक तनाव बढऩे के आसार नजर आ रहे हैं।
श्रीलंका में कट्टर राष्ट्रवाद के लिए जाना जाने वाला अखबार दिवाइना की एक रिपोर्ट के अनुसार एक मुस्लिम डॉक्टर ने सीजेरियन डिलीवरी कराने वाली 4 हजार सिंहल बौद्ध महिलाओं की नसबंदी कर दी है।
प्रकाशित रिपोर्ट में डॉक्टर की पहचान उजागर नहीं की गई है। इसके अनुसार, अप्रैल में ईस्टर के मौके पर हुए आतंकी हमले का जिम्मेदार इस्लामिक संगठन नेशनल तौहीद जमात का सदस्य यह डॉक्टर भी है।
अंग्रेजी समाचार एजेंसी रायटर्स ने भी इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। हाालंकि, उनका कहना है कि अखबार की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर कोई सबूत नहीं मिले है। रायटर्स के अनुसार दिवाइना के प्रधान संपादक अनुरा सोलोमन्स ने बताया कि स्टोरी पुलिस और अस्पताल के स्रोतों पर आधारित है।
आरोप है कि एक मुस्लिम डॉक्टर जबरन नसबंदी करता है। पुलिस नसबंदी के दावों की भी जांच कर रही है और किसी भी संभावित प्रभावित महिलाओं को आगे आने के लिए कहा है।
रिपोर्ट प्रकाशित होने के दो दिन बाद डॉक्टर सेगु शिहाबदीन मोहम्मद शफी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर गलत ढंग से अर्जित की गई आय के जरिए संपत्ति खरीदने का भी आरोप है।
रायटर्स के अनुसार पुलिस प्रवक्ता रुवान गुनसेकेरा ने बताया कि शफी पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आरोप लगाए गए थे, लेकिन उन्होंने जिन वित्तीय आरोपों का सामना किया या नसबंदी के दावों के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।
इस मामले में गिरफ्तार किए गए शफी के परिजनों से आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है क यह सब राजनीतिक द्वेष के चलते किया जा रहा है।
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