भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 24 से 48 घंटे में दक्षिणी पश्चिमी मानसून केरल तट पर दस्तक दे देगा। वहीं विभाग ने नागालैंड, छत्तीसगढ़, मिजोरम, त्रिपुरा, असम, मेघालय और केरल में अगले 72 घंटे के दौरान भारी बारिश का अनुमान लगाया है।
उत्तर भारत के कई इलाकों में चल रही गर्म हवाओं (लू) से भी अगले कुछ दिनों में राहत मिलने की उम्मीद जताई है। इसके अलावा झारखंड और बिहार के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश हो सकती है। इस साल मानसून के दिल्ली में एक जुलाई को पहुंचने की उम्मीद है।
केरल में साल 2014 में मानसून 5 जून को, 2015 में 6 जून को और 2016 में 8 जून को आया था, जबकि, 2018 में मानसून ने केरल में तीन दिन पहले 29 मई को ही दस्तक दे दी थी।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून के देर से आने से बारिश की मात्रा में किसी तरह की कमी नहीं आएगी। हालांकि, जून में मानसून की बारिश अनुमान से कम रह सकती है। असामान्य स्थिति की वजह से मानसून में देरी हो रही है। वैसे इस साल औसत मानसून का अनुमान है।
पिछले 65 साल में यह दूसरा मौका है, जब प्री-मानसून करीब-करीब सूखा गुजरा। इस दौरान सामान्य तौर पर 131.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जाती है. इस साल 99 मिमी. बारिश हुई.
चौधरी ने कहा कि पूर्वी दिशा की ओर बहने वाली हवाओं में नमी है, जिसने उत्तरी भारत में पारे पर थोड़ा नियंत्रण रखा, लेकिन, इसके बावजूद लू के थपेड़ों के चलते लगातार पारा बढ़ता रहा।
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