
रायपुर। प्रदेश में सत्ता परिर्वतन होने के बाद से सरकार के समक्ष कई कई मांगे सामने आ रही हैं। राज्य में छत्तीसगढ़ी राज्य भाषा आयोग तो बना दिया गया लेकिन छत्तीसगढ़ी भाषा को लेकर कोई ठोक कदम नहीं उठाया गया हैं।
वहीं यह मांग उठने लगी है कि अन्य राज्यों में जो भाषा का उपयोग किया जता है फिर छत्तीसगढ में छत्तीसगढियां क्यों नहीं। अब यह मामले तुल पकडऩे लगा है। इस मामले को गंभीरता से लेते संस्कृति विभाग के मंत्री ताम्रध्वज साहू ने 6 जून को आनन-फानन में बैठक बुलाई हैं। जिसमें कवि, लोक कलाकार सहित छत्तीसगढी फिल्मों के निर्देशक भी शामिल होंगे।
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