हरियाणा के फरीदाबाद क्षेत्र की कंपनियों में काम करने वाली बहुत सारी महिलाएं साल में चार-चार बार तक गर्भवती हुईं हैं। यह बात अविश्वनीय लगी तो इसकी सीबीआई जांच शुरू हो गई। पता चला कि मातृत्व अवकाश के नाम पर 10 करोड़ का घोटाला हुआ है।
इस पूरे मामले में अब तक 9 लोग सस्पेंड हो चुके हैं। जांच में पता चला कि प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाली कई महिलाओं ने एक साल में चार-चार बार मातृत्व अवकाश (maternity leave) लिया।
उन्हें गर्भपात कराने के नाम पर भी कई बार इस विशेष अवकाश की सुविधा दी गई। इस सबके पीछे कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) के अस्पतालों के जरिए यह सारा खेल हुआ। जब निगम की ऑडिट हुई तो यह मामला पकड़ में आया।
साल में चार- चार बार हुईं गर्भवती
एक साल में चार-चार बार मातृत्व अवकाश देने के इस खेल में निगम के अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों की मिलीभगत मानी जा रही है। सीबीआई के साथ निगम की विजिलेंस टीम ने भी इसकी आड़ में 10 करोड़ के इस घोटाले की जांच शुरू की है।
अब तक इस मामले में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तीन ब्रांच मैनेजर और छह कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। बताया जा रहा है कि निगम के डॉक्टरों ने मातृत्व अवकाश देने के लिए फर्जी सर्टिफिकेट जारी किए।
ये है पूरी कहानी
वास्तव में फरीदाबाद इलाके की निजी कंपनियों और फैक्ट्रियों में काम करने वाली महिलाओं के वेतन से ईएसआइसी के मद में पैसे काटे जाते हैं। इसके बदले महिलाओं को ईएसआइसी के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं मिलती हैं। इनके वेतन से कटे पैसे ईएसआइसी के खाते में जमा होते हैं। ईएसआइसी कार्ड वाली महिलाओं को बच्चा होने पर 84 दिन का मातृत्व अवकाश (पूरे वेतन के साथ) दिया जाता है।
ऐसी ही सुविधा गर्भपात (कम से कम तीन माह की गर्भवती) कराने वाली महिलाओं को मिलती है। गर्भपात कराने वाली महिला को 42 दिन का (सवेतन) अवकाश की सुविधा है। इस अवकाश का पैसा निगम की ओर से महिला के बैंक खाते में डाला जाता है।
डॉक्टरों और अधिकारियों की मिलीभगत
जांच में पता चला कि कुछ महिलाओं ने सुविधा का लाभ उठाने के लिए अपने नियोक्ता संस्थान के अधिकारियों और डॉक्टरों से मिलीभगत की और खुद को एक ही वर्ष में कई बार गर्भवती दिखाया।
इस तरह फर्जी दस्तावेजों से मातृत्व अवकाश के नाम पर 10 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी होने का अनुमान है। ईएसआइसी के उप निदेशक, (वित्त) का कहना है कि मातृत्व अवकाश के नाम पर गड़बड़ी की जांच चल रही है।
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