कोरबा। फर्जी अंकसूची और खेल प्रमाण पत्र बनाकर वर्ष 2007 से नौकरी करते आ रहे शिक्षाकर्मी वर्ग-3 को गिरफ्तार कर जांजगीर-चांपा जिले की पुलिस अपने साथ ले गई।
जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा जिले के थाना हसौद में वर्ष 2018 में फर्जी अंकसूची व खेल प्रमाण पत्र के आधार पर कुछ लोगों के द्वारा शिक्षाकर्मी के नौकरी की शिकायत की गई थी। मुख्य आरोपी चितरंजन प्रसाद कश्यप पिता धोबीलाल कश्यप 32 वर्ष निवासी ग्राम मरघट्टी थाना हसौद फरार था।
उसकी पता तलाश की जा रही थी कि मुखबीर की सूचना पर आरोपी शिक्षाकर्मी चितरंजन को कोरबा से गिरफ्तार कर अपने साथ हसौद पुलिस ले गई। बताया गया कि वर्ष 2007 में वह कक्षा 12वीं की परीक्षा में नियमित छात्र के तौर पर पीपीएचआर हायर सेकेण्डरी स्कूल ग्राम मल्दा से शामिल हुआ था।
एक विषय में अनुत्तीर्ण हुआ था, शिक्षा कर्मी वर्ग-3 की सीधी भर्ती हेतु फर्जी अंकसूची एवं खेल प्रमाण पत्र बनवाकर वर्ष 2007 में जनपद पंचायत कोरबा में आवेदन प्रस्तुत कर नौकरी प्राप्त किया व 20 नवंबर 2007 से प्राथमिक शाला ग्राम छिरहुट में लगातार नौकरी करता आ रहा था।
कोरबा ब्लाक में सेवारत अधिकांश शिक्षकों का प्रमाण पत्र फर्जी होने की संभागायुक्त से शिकायत के बाद 29 से 31 जून तक कोरबा खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में विकासखंड के 1135 शिक्षाकर्मी व 800 नियमित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन शुरू किया गया है।
कोरबा ब्लाक के अंतर्गत 24 जनशिक्षा केन्द्र के अधीन संचालित स्कूलों के शिक्षकों के लिए जांच हेतु अलग-अलग तिथि तय है। माना जा रहा है कि प्रमाण पत्रों की गंभीरता से जांच में कई फर्जीवाड़ा उजागर हो सकते हैं।
इस बीच सूत्रों से खबर है कि कोरबा में शिक्षाकर्मी भर्ती के मामले में संरक्षण प्रदान करने वाली लिपिक एवं अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का आदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा पत्र जारी कर दिया गया है।
कोरबा बीईओ के निर्देश पर पांच सदस्यीय जांच टीम गठित की गई जिसमें स्वयं बीईओ एसके अग्रवाल सहित प्राचार्य राजकुमार साहू, श्रीमती वीएस दास व सहायक खंड शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार सिन्हा एवं ब्लाक कार्यालय के सहायक ग्रेड-3 धीरज कुमार आर्य शामिल हैं।
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