कोरबा। स्टाफ और संसाधन की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य अमले की वजह से मरीजों को खासकर दूरस्थ अंचल के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अपातकालीन और 24 घंटे सुविधा देने वाली महतारी एक्सप्रेस के कर्मियों की लापरवाही और गांव आने से मना करने के बाद एक गर्भवती महिला को ट्रेक्टर में लादकर अस्पताल पहुंचाया गया।
जानकारी के अनुसार यह मामला पोड़ी-उपरोड़ा विकासखड के वनांचल ग्राम बखही का है। यहाँ गर्भवती महिला राजकुंवर (22) को प्रसव पीड़ा उठने पर परिजनों ने 102 नंबर डॉयल कर महतारी एक्सप्रेस को फोन लगाया।
उन्होंने इसकी जानकारी पाली स्वास्थ्य विभाग को दी जिस पर उन्होंने कटघोरा के महतारी एक्सप्रेस से संपर्क साधने की बात कही। इसके पीछे वजह बताई गयी कि प्रसूता को कटघोरा के अस्पताल में दाखिल कराना उचित रहेगा।
उसके बाद परिजन ने कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सम्बद्ध महतारी एक्सप्रेस के चालक से बात की, लेकिन उसने रात में गांव आने से साफ मना कर दिया। परिजनों के मुताबिक चालक वाहन ठीक नहीं होने का हवाला देता रहा और परिजनों ने जब वस्तुस्थिति बताई तो वह गाँव की सड़क खराब होने का बहाना बनाने लगा।
इन सबके बीच पूरी रात दर्द से कराहती प्रसूता को परिजन घर पर ही रखने पर मजबूर हुए। सुबह फिर उन्होंने महतारी एक्सप्रेस के चालक से गाँव आने की गुजारिश की, लेकिन इस बार भी चालक टालमटोल करने लगा। अंत में वह गांव से सात किलोमीटिर दूर आने को तैयार हुआ।
परिजनों ने इसके बाद तत्काल एक ट्रेक्टर का इंतजाम किया और राज कुंवर को उसमें सवार कर पहाड़ और घाटी से नीचे उतरकर सड़क पर पहुंचे, जहां महतारी एक्सप्रेस से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। पीडि़ता के परिजनों ने महतारी एक्सप्रेस स्टाफ की इस कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की।
परिजनों का कहना है कि महतारी का चालक जानबूझकर उनके गाँव नहीं आया व गांव तक सड़क खराब होने की बात कह रहा था, जबकि उनके गाँव तक की सड़क पूरी तरह दुरुस्त है।
बीते चुनाव में बड़ी बसें भी उनके गाँव तक पहुंची थी फिर सड़क खराब होने की बात कैसे कही जा रही है। जब इस मामले में वाहन चालक से बात करनी चाही तो वह मरीज को अस्पताल छोड़कर चलता बना। वहीं कटघोरा बीएमओ से संपर्क नहीं हो सका।
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