रायपुर। जेसीसीजे की मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें फैसला लिया गया है कि निकाय चुनाव में पार्टी अपने दम पर उतरेगी। विधानसभा चुनाव में जेसीसीजे ने बसपा से गठबंधन किया था, लेकिन लोकसभा में बीएसपी ने अपने उम्मीदवार उतार दिए थे।
इसके बाद 2019 में होने वाले नगरीय निकाय के चुनाव में अकेले ही मुकाबला करेगी। इससे यह साफ है अब यह गठबंधन लगभग टूट चुका है। राजधानी रायपुर के जोगी निवास में मंगलवार को पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। इस बैठक में कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव के लिए तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए है।
साथ ही चुनाव लडऩे के इच्छुक लोगों को बायोडेटा भी जमा करने कहा गया है। इससे साफ है कि लोकसभा चुनाव में अपनी ओर से विरोधियों को वाकओवर देने वाली अजीत जोगी की पार्टी अब निकाय चुनाव में फिर से मैदान में होगी।
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस 90 में से 68 सीटें जीतकर सत्ता में आई। इसके बाद से ही कांग्रेस को छोड़कर नया राजनीतिक मोर्चा तैयार करने वाले अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे भगदड़ मच गई. जोगी की पार्टी से विधानसभा चुनाव लडऩे वाले 7 प्रत्याशी इस समय कांग्रेस में हैं.
इनके अलावा पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, राष्ट्रीय व राज्य स्तर के कई पदाधिकारी भी कांग्रेस का हाथ थाम लिए हैं. पार्टी में बड़े नेताओं के नाम पर खुद अजीत जोगी के अलावा उनके परिवार से उनकी पत्नी रेणु जोगी के साथ विधानसभा चुनाव में जीते तीन अन्य विधायक और कुछ गिने चुने पदाधिकारी ही बचे हैं।
इस फैसले से यह साफ हो गया है कि जेसीसीजे नए सिरे से पार्टी का खड़ा करने का प्रयास कर रही है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के बहुत से पदाधिकारी और कार्यकताओं ने इस्तीफा दे दिया है।
यह भी देखें :
Add Comment