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ईनामी महिला नक्सली ने दुधमुंहे बच्चे के साथ किया आत्मसमर्पण…गर्भवती होने पर माओवादियों ने जंगल में ही छोड़ दिया था…

जगदलपुर। कांकेर जिले में एक ईनामी महिला नक्सली ने अपने 5 दिन के दुधमुंहे बच्चे के साथ आत्मसमर्पण किया है। उक्त महिला नक्सली पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित था।

कांकेर एसपी कन्हैया लाल ध्रुव ने बताया नक्सली महिला सुनीता उर्फ हूंगी कट्टम गश्त के दौरान जंगल के पास डीआरजी टीम को मिली थी। महिला नक्सली को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की गई है। इसके अलावा सुनीता को शासन की ओर से मिलने वाली मदद भी दी जाएगी।



माओवादी सुनीता उर्फ हूंगी कट्टम साल 2014 में नक्सली संगठन में भर्ती हुई। साल 2018 में सुकमा जिले के किस्टाराम थाना इलाके के मेट्टाम गांव के रहने वाले नक्सली मुन्ना मंडावी से शादी की। इस बीच सुनीता गर्भवती हो गई और उसे माओवादियों ने जंगल में ही उसके हाल पर छोड़ दिया।

सुनीता ने पुलिस को बताया कि करीब एक माह से वह कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र के चिलपरस गांव में रह रही थी। पिछले दिनों 12 मई को कांकेर पुलिस के जवान तलाशी अभियान पर गए थे।
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जहां सुनीता ने पुलिस के आगे सरेंडर कर दिया। महिला नक्सली सुनीता का बच्चा जन्म से ही काफी कमजोर है। उसे पुलिस ने बेहतर इलाज के लिए कांकेर जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।

धु्रव ने बताया कि सुनीता उर्फ हूंगी कट्टम ने अपने साथियों के साथ 11 मार्च 2018 को ताडोकी थाना इलाके के ग्राम मसपुर के जंगल में बीएसएफ की टुकड़ी पर हमला किया था। इस नक्सली हमले में बीएसएफ के एक असिस्टेंट कमांडेंट गजेंद्र सिंह और आरक्षक अमरेश कुमार शहीद हुए थे।

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