एक राऊंड पूरा होने के बाद ही दूसरे राऊंड की मतगणना होगी शुरू…मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, पेन अन्दर ले जाने की नहीं होगी अनुमति…

रायपुर। 23 मई को होने वाली मतगणना की तैयारियों के परिपेक्ष्य में कल मतगणना सुपरवाईजरों तथा मतगणना सहायकों को मतगणना की प्रक्रिया एवं प्रावधान का कलेक्टोरेट स्थित रेडक्रास के सभाकक्ष में आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर डॉ. बसवराजु एस. ने मतगणना के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मतगणना का कार्य पूरी निर्वाचन प्रक्रिया का अंतिम परन्तु सबसे संवेदनशील चरण है। इसलिए गणना पर्यवेक्षक एवं गणना सहायक के रूप में काम सरल होने के बावजूद सभी को इसे अत्यंत गंभीरता से करना है। इस अवसर पर अतिरिक्त कलेक्टर दीपक अग्रवाल, उपजिला निर्वाचन अधिकारी श्री राजीव पांडे भी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि दूसरे चरण का प्रशिक्षण 20 मई दोपहर 12 से 1 बजे तक होगा।
डॉ. बसवराजु एस. ने कहा कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सुबह 6 बजे अपना परिचय पत्र ले कर मतगणना स्थल शासकीय इंजीनियरिंग कालेज सेजबहार पहुंचेेंगे। सभी को सुबह 7 बजे तक मतगणना टेबल में उपस्थित हो जाना है।
मतगणना स्थल में मोबाईल फोन सहित कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, कैलकुलेटर, पेन, ड्रॉईव पेन अथवा पेंसिल ले जाना मना है। मतगणना अधिकारियों और कर्मचारियों को किस टेबल में उपस्थित होकर मतगणना करनी है यह सुबह 5 बजे सामान्य प्रेक्षकों की उपस्थिति में तीसरे रैण्डमाईजेशन के बाद ही निर्धारित होगा। हर टेबल में एक माईक्रो आब्जर्वर होंगे जो मतगणना की कार्रवाई पर नजर रखेंगे और उनसे हर चक्र के परिणामों की जानकारी अपने प्रपत्र में भरेंगे।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर्स ने बताया कि मतगणना कक्ष में बैठक व्यवस्था के अंतर्गत सबसे पहले मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के एजेंट बैठेंगे। इसके बाद राज्यों के मान्यता प्राप्त दलों के प्रत्याशियों के एजेन्ट जिन्हें आरक्षित प्रतीक के उपयोग की अनुमति प्राप्त हो, इसके बाद पंजीकृत अमान्यता प्राप्त दलों के प्रत्याशियो के एजेंट तथा सबसे बाद में निर्दलीय प्रत्याशियों के एजेन्टों के बैठने की व्यवस्था होगी।
डॉ. बसवराजु एस. ने बताया कि शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में रायपुर जिले की सात विधानसभाओं के मतों की गिनती की जाएगी। प्रत्येक विधानसभा के मतगणना कक्ष में 14 टेबल लगाई जाएगी। प्रत्येक राउंड में सभी 14 टेबलों पर मतदान केंद्र क्रमांक 1 से शुरू करते हुए मशीनें लाई जाएंगी। मशीन से तात्पर्य केवल कंट्रोल यूनिट से है। गणना कक्ष में बैलैट यूनिट नहीं लाई जायेगी।
वीवीपैट आवश्यक होने पर ही लाई जायेगी। कंट्रोल यूनिट के साथ मतगणना सुपरवाईजर को मतपत्र लेखा भी दिया जायेगा जिसमें मतदान के दौरान पड़े वोटों की संख्या की जानकारी होती है। हर मतगणना टेबल में सूची लगी होगी जिसमें किस राऊन्ड में कौन सी मशीन लाई जाएगी इसका उल्लेख होगा।
कलेक्टर ने कहा कि मतगणना सुपरवाईजर द्वारा हर टेबल पर आने आने वाली कंट्रोल यूनिट का नंबर प्रत्याशियों के एजेन्टों को जरूर बताया जाए। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार एक राऊन्ड की गणना पूरी हो जाने के बाद ही दूसरे राऊन्ड की मशीन लाई जाएंगी। सहायक मतदान केन्द्रों को स्वतंत्र मतदान केंद्र मानते हुए अलग टेबल आवंटित किया जाएगा।
सबसे पहले डाक मतपत्र की होगी गणना, इसके लिए अलग कर्मचारी होंगे
मतगणना डाकपत्रों की गणना के साथ सुबह 8 बजे से शुरु होगी। इसमें सुरक्षा सैनिकों व्दारा भेजे गए इलेक्ट्रानिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट (ईटीपीबी) और साधारण डाक मतपत्र की गणना होगी। इसके लिए अलग गणना पर्यवेक्षक और गणना सहायक होंगे।
एक निर्वाचन क्षेत्र में डाक मतों की गणना के लिए प्रत्येक 500 प्राप्त मतों के लिए एक टेबल आवंटित होगा। ऐसे ईटीपीबी निरस्त माने जाएंगे जो 13ब् के निर्धारित से भिन्न रंग में होंगे, किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र के हों, निर्धारित समय के बाद प्राप्त हों, बिना घोषणा पत्र के हों, घोषणा पत्र अपूर्ण अथवा त्रुटि पूर्ण हों, या मतदाता के हस्ताक्षर तथा राजपत्रित अधिकारी व्दारा अभिप्रमाणित न हो या मतपत्र नकली हो या मतपत्र में रिटर्निंग अधिकारी की सील नहीं हो या एक से अधिक प्रत्याशी को मतांकन किया गया हो या मतपत्र का अत्यधिक क्षतिग्रस्त हो गया हो।
वीवीपैट मशीन की पर्चियों से गणना होगी अंतिम राउंड में
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि यदि किसी मतदान केंद्र पर एक से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का उपयोग किया गया है तो सम्बंधित राऊंड में सभी मशीनें एक साथ दी जाएँगी और उनकी उसी राऊंड में गणना की जाएगी।
कंट्रोल यूनिट की खराबी के कारण या अथवा क्लोज, रिजल्ट और क्लीयर (सीआरसी) न होने के कारण भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर, यदि किसी मतदान केंद्र पर वीवीपैट मशीन की पर्चियों से गणना करने की आवश्यकता हो तो इनकी गणना अंतिम राउंड में की जाएगी। किसी अंतर की स्थिति में मतपत्र लेखा में दर्ज मशीन का विवरण अंतिम होगा।
हर विधानसभा क्षेत्र के 5 मतदान केन्द्रों की वीवीपैट की पर्चियों की गणना होगी
मास्टर ट्रेनर ने बताया कि वोटिंग मशीन की पहचान सुनिश्चित हो जाने पर उसका पावर बटन ऑन करें। वह अपना क्रमांक और समय बताएगी। मशीन का टोटल बटन दबाएँ और देखें कि उसमे पड़े मतों की संख्या पीठासीन अधिकारी व्दारा जारी मतपत्र लेखा के आंकड़े से मेल खाते है अथवा नहीं।
सब सही होने पर मशीन से स्ट्रिप सील और एड्रेस टैग हटायें। यदि किसी मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी ने बनावटी मतदान (मॉक पोल) के बाद क्लोज, रिजल्ट और क्लीयर (सीआरसी) नहीं की है, अथवा कंट्रोल यूनिट की खराबी के कारण उससे परिणाम प्राप्त करना संभव न हो तो उस मतदान केंद्र के मतों की गणना वीवीपैट की पर्चियों से किया जाएगा। हर विधानसभा क्षेत्र के 5-5 मतदान केन्द्रों की वीवीपैट की पर्चियों की गणना अलग से की जाएगी।
प्रेक्षक हर राऊंड में दो मशीनों की मतगणना करेंगे
प्रत्येक राउंड में किन्हीं 2 मशीनों पर प्रेक्षक दोबारा मतगणना करेंगे और उस टेबल के गणना पत्रक से मिलान करेंगे. यदि कोई अंतर पाया गया तो उस राउंड के सभी मशीनों की फिर से गणना की जाएगी।
गोपनीयता का उल्लंघन करने पर तीन माह का कारावास या जुर्माना दोनों
प्रशिक्षण को दौरान बताया गया कि निर्वाचन में मतदान अथवा मतगणना कार्य से जुड़े सभी अधिकारी एवं कर्मचारी मतदान की गोपनीयता बनाये रखने के लिए वचनबद्ध होंगे. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धाराएँ की धारा 128 के प्रावधान का उल्लंघन करने की सजा तीन माह का कारावास और जुर्माना हो सकता है।
धारा 129 के अंतर्गत ऐसा कोई व्यक्ति किसी अभ्यर्थी के हितों के निर्वाचकीय हितों की साधना के लिए कार्य नहीं करेगा। धारा 136(1) से 136(4) के अंतर्गत इलेक्रट्रानिक वोटिंग मशीन से कपट पूर्ण छेड़छाड़ जैसे निर्वाचन अपराध छह माह से दो वर्ष तक की जेल अथवा जुर्माना अथवा दोनों से दंडनीय हैं।
यह भी देखें :
एलटीटी-रांची के बीच समर स्पेशल ट्रेन 13 व 20 को…गाड़ी में सभी श्रेणी के कुल 22 LHB कोच लगाए जा रहे…