नई दिल्ली। मानसून को लेकर बड़ी खबर आ रही है। भारत मौसम विभाग का कहना है कि अल नीनो की स्थिति कमजोर बनी हुई है। इसके आगे बढऩे की संभावना बहुत कम नजर आ रही है। अगले कुछ महीनों में ये और कमजोर हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो देश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि मानसूनी बारिश का सीधा असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस मानसून सीजन में देश में लंबी अवधि के औसत की 96 फीसदी बारिश संभव है।
इसके पहले आशंका थी कि अल नीनों की वजह से मानसून पर असर पड़ सकता है। मौसम विभाग मानसून का अगला अपडेट जून के पहले हफ्ते में दिया जाएगा। मानसून सामान्य और अच्छा रहने से ग्रामीण इलाकों में लोगों की आय बढ़ती है, जिससे मांग में भी तेजी आती है।
ग्रामीण इलाकों में आय बढऩे से इंडस्ट्री को भी फायदा मिलता है। 1951-2000 की बात करें तो देश में बारिश का लॉन्ग पीरियड एवरेज 89 फीसदी रहा है। इससे पहले मौसम के बारे में जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट का अनुमान दिया है कि जून से सितंबर के दौरान सीजन में सामान्य की 93 फीसदी बारिश होगी। हालांकि एजेंसियां यह मानकर चलती हैं कि इसमें थोड़ा बहुत बदलाव आ सकता है। 5 फीसदी ज्यादा या कम हो सकता है।
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