जगदलपुर। सरकारी प्रायमरी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दिनों में समर क्लासेस लगाने राजीव गांधी शिक्षा मिशन राज्य परियोजना कार्यालय से जारी आदेश के विरोध में शिक्षकों से जुड़े कर्मचारी संगठन भी सामने आ गए हैं। संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ के बाद अब छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ ने भी बयान जारी कर समर क्लासेस की खिलाफत की है।
संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रति वर्ष शिक्षकों एवं स्कूली बच्चों को एक मई से 15 जून तक ग्रीष्मावकाश मिलता आ रहा है। इस वर्ष शिक्षा मिशन कार्यालय ने आदेश जारी के गर्मी की छुट्टियों में सभी प्राथमिक माध्यमिक शालाओ में बच्चों को संज्ञानात्मक एवं सह सं्रयात्मक क्षेत्र, लर्निंग आउटकम एवं बच्चों की शाला की प्रति रुचि एवं अगली कक्षा में प्रवेश के लिए तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
परियोजना कार्यालय के इस आदेश से शिक्षकों में भारी निराशा देखी जा रही है। भीषण गर्मी में स्कूली बच्चे एक तरफ परीक्षा समाप्ति के बाद शाला में नही आ रहे हैं वहीं एक मई से समर क्लासेस में बच्चों को लाना बहुत ही मुश्किल कार्य लग रहा है।
संघ के जिला अध्यक्ष राजेश गुप्ता का कहना है कि चालू शिक्षण सत्र में कर्मचारियों ने विधानसभा व लोकसभा का चुनाव सम्पन्न कराए हैं। वर्तमान में राज्य स्तरीय आकलन परीक्षा का संचालन भी शिक्षकों ने किया है।
शिक्षकों को भी अवकाश चाहिए लेकिन पिछले कुछ सालों से शासन लगातार शिक्षकों को किसी न किसी काम में ग्रीष्मावकाश में लगाती आ रही है। इससे शिक्षक समुदाय में निराश हैं। भीषण गर्मी में बच्चों के स्वास्थ्य में किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो इसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
राजेश गुप्ता ने आगे कहा कि समूचे जिले में नवाचार करने के लिए क्या शिक्षा विभाग ही दिखता है? जो भी शिक्षक स्वेच्छा से समर क्लास में कार्य करना चाहें तो उन्हें इस कार्य में शामिल किया जावें। सभी को परेशान किया जाना उचित नहीं है।
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