लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण में 9 राज्यों की 72 संसदीय सीटों पर सोमवार को वोट डाले जा रहे हैं। इस दौर में बीजेपी और कांग्रेस सहित क्षेत्रीय दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। बीजेपी के लिए यह चरण जहां अपने दुर्ग को बचाने का है तो कांग्रेस के लिए अपनी सीटों को बढ़ाने की चुनौती है। हालांकि दोनों के लिए कहीं नुकसान होने की संभावना नजर आ रही तो कहीं उम्मीदें दिख रही हैं।
बीजेपी का क्या दांव पर
चौथे चरण की जिन 72 सीटों पर वोटिंग हो रही है, 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के लिहाज से इसे देखें तो एनडीए 56 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। बीजेपी 45, शिवसेना 9 और एलजेपी 2 सीटें जीती थी।
राजस्थान की 13 जिन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, ये सभी सीटें बीजेपी के पास हैं। मध्य प्रदेश की 6 सीटों में से 5 बीजेपी ने जीती थी। महाराष्ट्र की 17 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है, इनमें शिवसेना 9 और बीजेपी 8 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। झारखंड की जिन 3 सीटों पर वोटिंग हो रही है, ये सभी 3 सीटें बीजेपी के पास हैं।
बीजेपी की उम्मीदें
इस बार के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक हालात काफी बदले हुए हैं। यूपी में सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन ने जहां चुनौती बढ़ाई है। वहीं, कांग्रेस-एनसीपी महाराष्ट्र में तो बिहार में महागठबंधन ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
ऐसे में इन राज्यों की भरपाई के लिए बीजेपी की नजर पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों पर लगी हुई है। बंगाल में जिन दो लोकसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, वहां बीजेपी को अपने लिए अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं।
कांग्रेस की साख दांव पर
चौथे चरण की 72 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस के पास महज 2 सीटें हैं। राहुल गांधी की अगुवाई में उतरी कांग्रेस के लिए अपने खोए हुए जनाधार को वापस हासिल करने की बड़ी चुनौती है। 2014 में कांग्रेस ने जिन दो सीटें जीतने में कामयाब रही थी। इनमें छिंदवाड़ा से कमलनाथ और बेहरामपुर से अधीर रंजन चौधरी जीतने में कामयाब रहे थे।
कांग्रेस को उम्मीद
72 लोकसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं वहां कांग्रेस पिछले चुनाव से बेहतर नतीजों की उम्मीदें लगाए हुए है।। राहुल गांधी के सामने कांग्रेस को दो सीटों से आगे बढ़ाने की चुनौती है। ऐसे में कांग्रेस को मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड में सीटें बढ़ोत्तरी की आस लगाए हुए हैं।
हाल ही में मध्य प्रदेश और राजस्थान में बनी कांग्रेस सरकार से राहुल गांधी मानकर चल रहे हैं कि पिछले चुनाव से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। यही नहीं यूपी में भी कांग्रेस पिछले चुनाव से बेहतर नतीजे की उम्मीद लगाए हुए है। झारखंड की जिन तीन सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं, ये सभी बीजेपी के पास हैं। इस बार कांग्रेस महागठबंधन के जरिए जीत की आस लगाए हुए है।
क्षेत्रीय दलों पर नजर
चौथे चरण की 72 सीटों पर वोटिंग चल रही है, इनमें से क्षेत्रीय दलों में टीएमसी 6, बीजेडी 6 और सपा 1 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। ऐसे में बंगाल में टीएमसी और ओडिशा में अपनी सीटें बचाने में जुटी है। वहीं, यूपी की 13 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, सपा-बसपा गठबंधन इन सीटों पर बीजेपी के लिए चुनौती बने हुए हैं।
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