पाटण। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान में पकड़े गए विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को लेकर बड़ा बयान दिया है। गुजरात के पाटण में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने अमेरिका का हवाला देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान पायलट वापस नहीं करता तो वह कत्ल की रात होती।
पीएम मोदी का यह बयान उस घटना पर आधारित है, जिसमें भारत की एयरस्ट्राइक का जवाब देने आए पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों का पीछा करते हुए विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान सीमा पार चले गए थे और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया था। उन्होंने पाकिस्तान के लड़ाकू विमान को मार गिराया था इसी बीच उनका मिग बाइसन छतिग्रस्त हो गया था।
As always, Patan has shown great affection. Watch my speech. https://t.co/UgoPyhSJA9
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2019
इसके बाद उन्हें पाकिस्तान में पकड़ लिया गया था। इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को भी बाकायदा पायलट की सुरक्षा सुनिश्चित करने की चेतावनी दी थी। अब पीएम मोदी ने चुनावी रैली में इस मुद्दे को फिर से उठाया है।
गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर तीसरे चरण के तहत 23 अप्रैल को मतदान होना है, जिसके लिए प्रचार का आज आखिरी दिन है। इस मौके पर पीएम मोदी ने यहां के पाटण में एक रैली को संबोधित करते हुए अमेरिका से आए एक बयान का हवाल दिया।
पीएम मोदी ने कहा अमेरिका के उच्चपद पर बेठे ऐसे एक शख्स ने अपना बयान दिया था कि, मोदी अब कुछ बड़ा कर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि, मोदी ने एक साथ 12 मिसाइलें लगाई थीं। अमेरिका ने कहा था कि अच्छा था कि पाकिस्तान ने पायलट वापस कर दिया। वरना वो रात कत्ल की रात होती। ये तो अमेरिका ने कहा है। ये पायलट ऐसे ही वापस नहीं आया है, ये तो सरदार पटेल की जमीन का बेटा वहां बैठा है इसलिए वापस आया है।
बता दें कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती बम धमाके में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमला का जवाब देते हुए भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी की रात पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर आतंकियों के ठिकाने तबाह किए थे।
भारत की इस कार्रवाई पर अगले ही दिन पाकिस्तानी वायुसेना ने 27 फरवरी की सुबह भारतीय सीमा में अपने लड़ाकू विमान भेजे थे, जिन्हें जवाब देते हुए भारतीय पायलट अभिनंदन पाकिस्तान की सीमा में चल गए थे, जिन्हें वहां की सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। भारत का दबाव पडऩे के साथ ही अभिनंदन को रिहा कर दिया था। उन्हें बाघा सीमा की तरफ से लाकर भारतीय एजेंसियों को सौंपा गया था।
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