रायपुर। उड़ीसा में अमित शाह द्वारा चिटफंड घोटाले के आरोपियों को सत्ता में आने के 90 दिन के भीतर जेल के सलाखों के पीछे होने के बयान पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री अशैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि जब छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के संरक्षण में चिटफंड घोटाले होते रहे तब अमित शाह क्यों मौन थे? चिटफंड के निवेशक और अभिकर्ता लगातार अपनी डूबी रकम वापसी के लिये आंदोलन चलाते रहे तब भाजपा की राज्य सरकार ने कुछ क्यों नहीं किया? केन्द्र में और राज्य में भाजपा की सरकारें थी, चाहते तो चिटफंड कंपनियों पर कार्यवाही कर उनकी संपत्तियां जप्त कर निवेशकों की गाढ़ी कमाई का पैसा वापस करवा सकते थे लेकिन तब अमित शाह मौन थे? आज उड़ीसा में वे चिटफंड के घोटालेबाजों को 90 दिन के अंदर जेल की सलाखों के पीछे डालने की बात कह रहे है।
छत्तीसगढ़ की जनता के साथ यह दोहरा आचरण क्यों? तब तो छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार चिटफंड कंपनियों की सरपरस्त बन कर सामने आयी थी। आगे त्रिवेदी ने कहा है कि 15 सालों से भाजपा सरकार की नाक के नीचे छत्तीसगढ़ में 161 से अधिक चिटफंड कंपनियों ने एक करोड़ जनता 21 लाख परिवारद्ध की खून पसीने की कमाई और जमापूंजी सब गबन कर ली।
बीस लाख निवेशक परिवारों व एक लाख एजेंटों से 5000 करोड़ रूपए से अधिक की ठगी हो गई तथा 57 लोगों की जानें चली गई। 300 से अधिक एफआईआर दर्ज होने के बावजूद नौ साल में एक व्यक्ति को भी फूटी कौड़ी वापस नहीं मिली। इस गोरखधंधे में डॉ. रमन सिंह सरकार का संरक्षण व साथ साफ है।भाजपाई सरकार इन चिटफंड कंपनियों की साझेदार है और जीवन की सारी कमाई इन घोटालों और गड़बड़झालों में लुटा दी।
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