रायपुर। राजधानी के तीन थानों आमानाका, कोतवाली और तेलीबांधा को इंटीग्रेटेड थानों के रूप में तब्दील किया जाएगा। इन थानों में अलग से महिला लॉकअप बनेगा। हाइटेक सिस्टम, काउंसिलिंग रूम, महिला स्टाफ व महिला सेल की यूनिट के लिए इन्वेस्टिगेशन सेल भी अलग से होगा।
इस नई व्यवस्था से दूसरे थानों में संदिग्ध महिलाओं को रखने की परेशानी दूर होगी। वर्तमान में केवल महिला थाने पर ही संदिग्ध महिलाओं को रखने का दबाव रहता है। आमानाका थाने के नए भवन में शिफ्ट होने के साथ ही इसकी शुरुआत होगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ एच शेख ने बताया कि शहर में पुलिसिंग और दुरुस्त होगी।
आमानाका के साथ कोतवाली और तेलीबांधा थाने को भी इंटीग्रेटड थाने के रूप में तब्दील करना है। इसके लिए सालों पुरानी इमारत ढहाई जाएगी। कोतवाली थाना के पीछे बनाए गए पुलिस कांप्लेक्स का आधा हिस्सा भी टूटेगा। बताया गया है कि जो ड्राइंग तैयार है उसके अनुसार कांप्लेक्स का हिस्सा निर्माण एरिया में आ रहा है।
हब वांटड महिलाओं की गिरफ्तारी होने पर एक मात्र महिला सेल या महिला थाना में उनकी शिप्टिंग की जाती है। हब वांछित महिलाओं को रखने में भी परेशानी। कई बार देर रात अप्रिय घटना की सूचना मिलने पर थाना पुलिस परेशान रहती है कि रखा कहां जाए।
नाबालिगों से जुड़े मामलों में थानों में काउंसिलिंग का कोई इंतजाम नहीं है। इसके लिए वन स्टाप सेंटर एक मात्र सहारा। महिला हेल्प डेस्क के लिए थानों में जगह की किल्लत है। चार साल पहले महिला डेस्क बनाने का कांसेप्ट इस वजह से फेल हुआ।
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