रायपुर। प्रदेश में मौसम का मिजाज हर रोज बदल रहा है। तेज धूप के बाद बदली और बारिश का दौर चल रहा है। सुबह आसमान में कहीं-कहीं बदली छाई हुई होती है वहीं दोपहर में सूर्य की किरण इतनी तेज हो जाती है कि लोग गर्मी से परेशान हो जा रहे हैं। वहीं शाम होते ही तेज हवा के साथ बूंदा-बांदी शुरू हो जाती है। गुरूवार को तो प्रदेश में मौमय कुछ ज्यादा ही बिगड़ गया था।
लगभग 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। उसके बाद कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हुई। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 24 घंटे के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। कोरिया, बलरामपुर, सरगुजा, बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, जिलों में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है। अगले 48 घंटे के लिए- छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में एक दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में एक द्रोणिका सक्रिय हुई थी, जो मध्यप्रदेश से होते हुए छत्तीसगढ़ से गुजरी। इस वजह से बादल छाने लगे, धीरे-धीरे हवाएं चलनी शुरू हुईं और देखते ही देखते आंधी-तूफान में बदल गईं। रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव समेत कई जिलों में हवा की रफ्तार 40-50 किमी प्रति घंटा तक दर्ज की गई।
राजधानी रायपुर में शाम पांच-साढ़े पांच बजे के करीब पूरे शहर में धूल का गुबार छा गया। 30 मीटर की दूरी पर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। करीब घंटे भर के लिए शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। जो जहां से गुजर रहा था, वहीं ठहर गया। शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र के अलावा कई इलाकों में पेड़ गिरे।
सुबह से शहर का पारा तेजी से बढ़ रहा था। यह चढ़ा हुआ 40.8 डिग्री तक जा पहुंचा और फिर शाम को मौसम अचानक से बदल गया। मौसम वैज्ञानी एचपी चंद्रा का कहना है कि आने वाले 48 घंटे तक द्रोणिका का असर बना रहेगा।
शहरों का तापमान
रायपुर अधिकतम 40.8 डिग्री (0.8 डिग्री गिरा पारा), बिलासपुर 41.8, पेंड्रारोड 39.5, अंबिकापुर 38.0, जगदलपुर 37.8, दुर्ग 41.3, राजनांदगांव 42.0 डिग्री। अंबिकापुर, जगदलपुर और राजनांदगांव के तापमान में परिवर्तन नहीं हुआ है।
द्रोणिका की छत्तीसगढ़ में सक्रियता का नहीं था पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने उत्तर-पश्चिम राजस्थान से द्रोणिका की सक्रियता की सूचना बुधवार को दी थी, कहा था कि इसकी सक्रियता मध्यप्रदेश तक ही रहेगी। मगर गुरूवार को यह मध्यप्रदेश से होते हुए ओडिशा तक जा पहुंची। अभी मौसम में अचानक से बदलाव हो रहे हैं, जिनका सटीक पूर्वानुमान जारी कर पाना मुश्किल हो रहा है।
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