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VIDEO: आंखों से आंसू नहीं रूक रहे थे…लेकिन पूरे गांव के जुबान पर थे शहीद अमर रहे के नारे…पिता को दो साल के मासूम बेटे ने दी मुखाग्नि…शव पर हाथ रखकर रोते हुए पत्नी बोली…छत्तीसगढ़ में एक भी नक्सली जिंदा नहीं बचना चाहिए…

राजनांदगांव। प्रदेश के बस्तर के कांकेर जिले के पंखाजूर में गुुरुवार को नक्सली मुठभेड़ में राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के खुर्सीटिकुल गांव निवासी जवान तुमेश्वर यादव शहीद हो गया था।

उसका पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह तिरंगे में लिपटकर गांव पहुंचा तो पहुंचा तो अपने वीर जवान का एक झलक पाने पूरा गांव उमड़ पड़ा। शहीद जवान को उसके दो साल के मासूम बेटे यशराज ने मुखाग्नि दी। चाचा का हाथ थामकर मासूम ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया।



नक्सली मुठभेड़ में तुमेश्वर के शहीद होने की घटना की मिलते ही पूरा गांव गमगीन हो गया। शुक्रवार सुबह जब शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा तो उसकी एक झलक पाने पूरा गांव उमड़ पड़ा। बीएसएफ और जिला पुलिस के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जिसके बाद शहीद का शव अंतिम यात्रा के लिए रवाना हुआ।

आंखों में आंसू लिए लोग शहीद अमर रहे के नारे लगाए। शहीद जवान तुमेश्वर यादव के दो साल के बेटे ने चाचा का हाथ थामकर मासूम ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। श्मशान में ये नजारा देखकर हर किसी की आंखें डबडबा गई। पूरा गांव में शोक में डूब गया। शहीद का अंतिम संस्कार करने से पहले जवान के पिता भोला राम और भाई ने सीना ठोकर शहीद को सलामी दी।
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इससे पहले सुबह जब शहीद जवान का शव घर पहुंचा तो पत्नी दीपा यादव का सब्र टूट गया। अपने शहीद पति के शव पर हाथ रखकर रोते हुए बोली कि छत्तीसगढ़ में एक भी नक्सली को छोडऩा मत। इनमें से कोई भी जिंदा नहीं बचना चाहिए। दो साल के बेटे को गोद में लिए शहीद जवान की पत्नी ने बिलखते हुए पति को अंतिम विदाई दी।

खुर्सीटिकुल निवासी तुमेश्वर यादव बीएसएफ के 114 बटालियन में आरक्षक के पद पर था। आरक्षक तुमेश्वर पखांजूर में तैनात था। गुरुवार को अपने बटालियन के साथ सर्चिंग में निकले थे। इस दौरान पखांजूर से 35 किलोमीटर दूर परतापुर थाना के मोहला जंगल में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने फोर्स पर हमला कर दिया था। जिसमें तुमेश्वर शहीद हो गया।

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