हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र का बहुत बड़ा महत्व है। इस साल चैत्र नवरात्र 6 अप्रैल से शुरू होकर 14 अप्रैल तक रहेंगे। इन नौ दिनों में माता के भक्त मां के नौ रुपों की पूजा करते हैं। आस्था के इस पर्व में व्रत रखने वाले लोगों के लिए कुछ खास नियम भी बताए गए हैं।
मां दुर्गा के व्रत में संयम और अनुशासन बेहद जरूरी होता है। ऐसे में आपको बता दें कि अगर आप भी माता रानी को अपनी भक्ति से खुश करने की सोच रहे हैं तो भूलकर भी इन 10 कामों को न करें। आइए जानते हैं आखिर क्या हैं वो 10 काम।
नवरात्रि में इन 10 बातों का रखें खास ध्यान-
-अगर आप नवरात्रि में अपने घर पर कलश की स्थापना कर रहे हैं या फिर अखंड ज्योति जला रहे हैं तो भूलकर भी इन 9 दिनों में अपने घर को खाली छोड़कर कहीं न जाएं।
-नवरात्रि में भूलकर भी व्रत रखने वाले व्यक्ति को अपने भोजन में प्याज, लहसुन या नॉन वेज का सेवन नहीं करना चाहिए।
-नवरात्रि के दौरान व्रत का फल पाने के लिए ब्रहमचार्य व्रत का पालन अवश्य करें। इसके अलावा साफ सफाई के साथ इस व्रत को रखें। 9 दिन तक व्रत रखने वाले व्यक्ति को भूलकर भी गंदे बिना धुले हुए कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
-विष्णु पुराण के अनुसार, नवरात्रि व्रत के दौरान दिन में नहीं सोना चाहिए। इसके अलावा तम्बाकू चबाने और शारीरिक संबंध बनाने से भी व्रत का फल नहीं मिलता है।
-नवरात्रि के व्रत के दौरान नौ दिनों तक खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। शाम को व्रत खोलते समय कुट्टू का आटा, समारी के चावल, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक, फल, आलू, मेवे, मूंगफली का सेवन करें।
-नवरात्रि में यदि दुर्गा चालीसा, मंत्र या सप्तशती पढ़ रहे हैं तो पढ़ते हुए बीच में किसी दूसरे से बात न करने लग जाएं। ऐसा करने से आपकी पूजा का फल नकारात्मक शक्तियां ले जाती हैं।
मां को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम-
व्रत रखने वाले व्यक्ति को फलाहार करना चाहिए, इसके लिए आप खाने में समारी चावल, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, साबूदाना, के साथ मूंगफली, सेंधा नमक, आलू, फल, मेवे, का सेवन कर सकते हैं।
मां देवी की उपासना करने के लिए सबसे पहले ब्रम्हमुहूर्त में स्नान करके मां का पूजन करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सूर्योदय के पहले पूजा करने से देवी मां प्रसन्न होकर मनोकामना पूरी करती हैं।
नवरात्रि के दौरान मां के नौ स्वरूपों की उनके अनुसार पूजा करके उनके अनुरूप ही उन्हें भोग लगाना चाहिए। इन नौ दिनों में हर देवी की पूजा करने के लिए देवी के अनुरूप ही फूल भी अर्पित करें। ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं।
चंदन, तुलसी या रुद्राक्ष की माला का उपयोग कर नौं दिनों तक माता रानी का जाप करें।
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