दंतेवाड़ा। जिला में पदस्थ 292 संविदाकर्मियों की सेवा समाप्त करने का नोटिस जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी कर दिया गया है। ये नोटिस उन कर्मचारियों के लिए है जो खनिज संस्थान न्यास निधी के जरिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अधीन काम कर रहे थे। इनमें विशेषज्ञ डॉक्टर से लेकर सफाईकर्मी तक शामिल हैं।
इस संबंध में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि इसे रोकने मैंने तत्काल कलेक्टर को निर्देश दिया हूं। एक भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा। नौकरी करने वाले सभी कर्मचारियों को बराबर वेतन मिलेगा और वे नौकरी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी उक्त आदेश को रोकने आदेश दिया है। कोई भी कर्मचारी को डरने की जरुरत नहीं है।
छत्तीसगढ़ संयुक्त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सचिव राजकुमार कुशवाहा ने कहा खनिज न्यास निधि के अंतर्गत भर्ती की गई थी जबकि कांग्रेस के घोषणा पत्र में उल्लेख किया गया कि किसी भी अनियमित कर्मचारियों की छटनी नहीं की जाएगी
स्वास्थ्य मंत्री ने समाज सेविका ममता शर्मा को विश्वाश दिलाया था कि इस पर तत्काल रोक लगाई जाएगी। वहीं मंत्री कवासी लखमा द्वारा सज्ञान लेते हुए एक साक्षात्कार में भी कहा गया इनकी नौकरी नहीं जाएगी। पर आज दिनांक तक उक्त सम्बद्ध में आदेश जारी नहीं हो सका है जबकि मुख्यमंत्री एवं सरकार की मंशा के ठीक विपरीत है।
मुख्यमंत्री द्वारा पहले ही कहा जा चुका है कि खनिज न्यास का दुरूपयोग रोककर स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण कार्यों में उपयोग किया जाएगा। साथ ही सरकार अनियमित कर्मियों को नियमित करने की ओर भी अग्रसर है।
वहीं प्रदेश सचिव ने कहा कि सरकार अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने जैसे संवेदनशील मामले को अपने जन घोषणा पत्र में उल्लेख किया है और नियमितीकरण की ओर अग्रसर भी पर, इस आदेश ने एक बार फिर अफसरशाही को उजागर कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इस मुद्दे की जानकारी मिलते ही मंत्री ने तत्काल खनिज सचिव एवं संबंधित विभागों से बात कर आदेश निरस्त करने को कहा साथ ही जांच कराने का भी अश्वासन दिए। मंत्री सिंहदेव ने कहा कि बिना विभाग को जानकारी दिए इस प्रकार आदेश करना गलत है।
स्वास्थ्य महत्वपूर्ण विषय है जो सीधे आम जनता से जुड़ा है। सरकार ऐसे मुद्दों पर संवेदनशील है। जनहित में ही निर्णय लिए जाएंगे। वही इस आदेश पर रोक नहीं लगने के कारण अनियमित कर्मचारी मां दंतेश्वरी के मंदिर से घुटनों के बल चल कर अपनी बात कहने निकल पड़े।
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