बिलासपुर। रेत माफियाओं के दबाव से परेशान होकर कोटा क्षेत्र के बेलगहना चौकी के छतौना के सरपंच संत कुमार पैकरा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसकी लाश बुधवार रात गांव के तालाब के पास पेड़ पर फांसी पर लटकते हुए मिली। उसके पास से सुसाइड नोट मिला है जिसमें रेत माफियाओं के नाम का जिक्र किया है।
बताया गया कि सरपंच संत कुमार पैकरा बुधवार रात लगबघ 8 बजे घर से बिना बताए कहीं निकल गया। वह खाना भी नहीं खाया था। काफी देर तक वह वापस नहीं आया तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने उसकी लाश गांव के ढोड़ही तालाब के पास पेड़ में लटकते हुए देखा।
इसकी खबर लगते ही वहां काफी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंच कर उसके शव को उतारा और उसकी तलाशी ली तो उसके पास से डेढ़ पेज का सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने रेत माफियाओं द्वारा उसके उपर दबाव बनाने का जिक्र किया है।
बताया गया कि सरपंच ने अपने घर में भी एक सुसाइड नोट छोड़ा था। दोनों पत्र में एक ही तत्वों का उल्लेख है। पत्र में रकम लेनदेन का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही उस पर दबाव बना कर परेशान करने वाले रेत माफियाओं में हरिशंकर सोनी, अजय ठाकुर, राजकुमार, वरुण सिंह, अनवर खान, वादिर खान, सुमन सिंह आदि के नाम हैं।
मृतक सरपंच संत कुमार के चचेरे भाई धनमान सिंह पैकरा ने कहा कि उसके भाई ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या कराई गई है। उसका आरोप है कि सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या की गई है। जिन लोग इस वारदात से परेशान हैं उसका नाम भी पत्र में स्पष्ट लिखा है।
उसने मामले की निष्पक्षता से जांच कर दोषी पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया शव को देख कर आत्महत्या का मामला लगता है। मृतक के पास से सुसाइड नोट मिला है जिसमें कई लोग के नाम हैं।
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