कोण्डागांव। दो गांव हाथी पखना, कबोंगा के बीच भंवरडीह नदी पर बनते ही एनीकट टूट गया है। पांच साल से पानी की समस्या से परेशान ग्रामीण एनीकेट दोबारा बनाने की मांग कर रहे हैं। पर उनकी आवाज आजतक किसी ने नहीं सुनी। अब ग्रामीणों ने पानी दो वोट लो का नारा लगाते हुए लोकसभा चुनाव के बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया है।
कोण्डागांव जिला मुख्यालय से महज 15 किमी दूर बसे ग्राम कबोंगा और हाथी पखना के बीच बहने वाली जीवनदायिनी भंवरडीह नदी पर ग्रामीण बोरी से बांध बना कर खेती करते थे। साल 2015-16 में किसानों को राहत देने के लिए एनीकेट बनाया गया पर बनते ही टूट गया। अब ग्रामीणों का कहना है कि स्टापडेम के टूटने से एक बार फिर से पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण लगातार एनीकेट बनाने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि स्टॉपडेम के निर्माण में गड़बड़ी की गई है। ग्रामीणों का साफ आरोप है कि स्टॉपडेम को बिना छड़ के सीमेंट कम और रेत ज्यादा मिला कर बनाया गया है।
बता दें कि दो गांव के किसानों के लिए जीवनदायनि नदी है भंवरडीह। इसमें बने स्टॉपडेम से दो गांव के किसानों को फायदा मिलता है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की स्टॉपडेम होने से खेती बढ़ती और गांव का विकास होता। पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी आदिवासी किसानों का उत्थान नहीं हो पा रहा है।
पांच सालों से दोबारा स्टॉपडेम बनाने की मांग ग्रामीण कर रहे हैं। इसके लिए नेता से लेकर अधिकारियों तक ग्रामीण अपनी अर्जी लगा चुके हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि किसी ने भी उनकी समस्या नहीं सुनी। स्टॉपडेम के लिए ग्रामीण आन्दोलन करने वाले थे पर आचार संहिता लग गया। अब ग्रामीणों ने नेताओं को सबक सिखाने की ठान ली है।
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