राजिम। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में गाय के गोबर का इस्तेमाल अब और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। पाटेश्वर धाम बालोद द्वारा इस दिशा में बेहतर काम किया जा रहा है। यहां औषधीय गुणों से भरपूर गाय के गोबर का कई प्रकार से उपयोग किया जा रहा है।
राजिम माघी पुन्नी मेला में पाटेश्वर धाम बालोद के महात्यागी रामबालक दास महाराज ने अपनी यज्ञ स्थली पर गाय के गोबर से लकड़ी व गमला बनाने वाले विद्युत मशीन की प्रदर्शनी लगाई है। इस प्रदर्शनी में आने वाले इन मशीनों को काफी उत्सुकता वश देख रहे हैं।
यह एक ऐसी मशीन है जिसके इस्तेमाल से पर्यावरण सरंक्षण को मजबूती दी जा सकती है। महात्यागी रामबालक दास महाराज बताते हैं कि गाय के गोबर का इस्तेमाल कर इस मशीन की सहायता से लकड़ी व गमलों का निर्माण किया जाता है।
लकड़ी बनाने की प्रक्रिया काफी आसान है। मशीन के एक छोर पर गोबर डालने पर दूसरे छोर गोल व चौकोर लकड़ी निकलती है। इस काम के लिए दो से तीन मजदूरों की जरुरत होती है। इन लकडिय़ों का इस्तेमाल ईंट भट्टों, मुक्तिधाम में दाह संस्कार व घरेलू इंधन के रूप में किया जा सकता है।
इसी प्रकार गमला बनाने वाली मशीन भी काम करती है। गमला बनाने के लिए गोबर में 30 से 40 फीसदी मिट्टी का उपयोग किया जाता है। इसे मशीन में डालने के बाद स्वत: ही गमले का आकार में बाहर आ जाता है।
प्रदर्शनी देखने पहुंच रहे लोग
गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन की प्रदर्शनी देखने के लिए यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। लोग मशीन के संबंध में जानकारी लेने के साथ ही इसे खरीदने की इच्छा भी दिखा रहे हैं। रामबालक दास महाराज ने बताया कि अब तक प्रदर्शनी के दौरान चार मशीनों की बिक्री हुई है।
प्रदर्शनी में अलग अलग तरह की और भी मशीनें हैं। जैसे कामधेनु हस्तचलित यंत्र जिससे अपंग व वृद्ध गाय बैल की सहायता की जाती है। इस मशीन की मदद से ऐसे गाय व बैलों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है।
यह भी देखें :
Add Comment