रायपुर। विधानसभा में आज स्मार्ट कार्ड और आयुष्मान योजना से अस्पतालों में ईलाज नहीं होने से हो रही मौतों का मामला विपक्ष ने जोरशोर से उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट कार्ड कंपनी को सरकार द्वारा भुगतान नहीं करने से निजी अस्पतालों में स्मार्ट कार्ड से इलाज करना बंद दिया गया और आयुष्मान योजना को प्रदेश में लागू नहीं किया जा रहा है इससे मरीजों की मौतें हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने जवाब में कहा कि सरकार ने यूनिवर्सल हेल्थ योजना लांच कर चुकी है जिस पर काम भी शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि सवाल स्मार्ट कार्ड योजना अभी जारी है और मरीजों द्वारा इससे अपना इलाज भी करा रहे हैं।
आयुष्मान योजना को लेकर उन्होंने कहा कि यह केन्द्र सरकार की योजना है जिसमें 5 लाख रूपये तक मरीज इलाज करा सकते हैं लेकिन केन्द्र सरकार का इस योजना में सिर्फ 50 हजार रूपये ही समावेश है जबकि शेष राशि राज्य सरकार को वहन करना है। इसलिए हम इस योजना को यहां लागू नहीं कर रहे हैं।
हम प्रदेश की जनता के लिए इससे अच्छी योजना तैयार की है जिसे जल्द ही यहां लागू कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री के इस जवाब को असंतोषजनक बताते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रश्रकाल में आज प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में डायलिसिस मशीनों के बारे में जानकारी स्वास्थ्य मंत्री से मांगी।
इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में 15 जनवरी 2019 की स्थिति में कुल 89 डायलिसिस मशीनें उपलब्ध है। अजीत जोगी ने पूरक प्रश्र में मंत्री से पूछा कि डायलिसिस मशीनें के लिए क्या यहां पर्याप्त नेट्रोलाजिस्ट और टेक्नॉलाजिस्ट उपलब्ध है और इन मशीनों में से कितनी मशीनों का उपयोग किया जा रहा था तथा कितनी मशीनें बेकार पड़ी हुई है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या इन मशीनों की अभी भी यहां कमी है।
इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने स्वीकार करते हुए कहा कि मशीनों की कमी अभी भी प्रदेश में है। उन्होंने बताया कि 60 मशीनें डीकेएस अस्पताल में उपलब्ध है। इनमें से एक मशीन को मांग व परिस्थिति पर देवभोग अस्पताल में स्थापित कराया गया है। मंत्री ने यह भी बताया कि मशीनों की कमी को देखते हुए हमने केन्द्र से और 32 मशीनें मांगी है जो जल्द आ जाएंगी। \
भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने पूरक प्रश्र करते हुए कहा कि सरकार यूनिवर्सल हेल्थ योजना के बारे में कहते आ रही है आखिर ये योजना कैसी है और कब तक इसे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक ये योजना लागू नहीं होगी क्या प्रदेश में गरीब मरीजों का इलाज नहीं होगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर सरकार नई योजना बनाने की बात कह रही है और दूसरी ओर पूर्व सरकार की स्मार्ट कार्ड योजना को बंद कर दिया है और केन्द्र की आयुष्मान योजना को यहां लागू नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते प्रदेश के अस्पतालों में लगातार मरीजों की मौतें हो रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब में कहा कि स्मार्ट कार्ड योजना बंद नहीं की गई और ये योजना अभी जारी है और मरीज इस योजना के तहत इलाज भी करा रहे है, रहा सवाल आयुष्मान योजना का तो इस योजना में 5 लाख रूपये तक मरीज का इलाज करने का प्रावधान रखा गया है लेकिन 5 लाख में केन्द्र का सिर्फ 50 हजार रूपये समावेश है, जबकि शेष राशि राज्य सरकार को वहन करना है। मंत्री के इस जवाब को असंतोषजनक बताते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
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