रायपुर। खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण, आवास एवं पर्यावरण, परिवहन एवं वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने विधानसभा में 4469 करोड़ 54 लाख 45 हजार रूपए की अनुदान मांगें प्रस्तुत की, जिसे सदन में सदस्यों द्वारा ध्वनि मत से पारित किया गया। इनमें खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण विभाग के लिए 2745 करोड़ 45 लाख 0 हजार रूपए, आवास एवं पर्यावरण विभाग के लिए 565 करोड 95 लाख 30 हजार रूपए, परिवहन विभाग के लिए 73 करोड़ 07 लाख 26 हजार रूपए और वन विभाग के लिए 1085 करोड़ 05 लाख 9 हजार रूपए के प्रावधान शामिल हैं।
अकबर ने सदन में अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्राथमिकता राशन कार्डधारी परिवारों को प्रति माह 35 किलो चावल दिया जाएगा। साथ ही अधिक सदस्यों वाले परिवारों के राशन कार्डों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा।
इस निर्णय के क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए चार हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई है, जिसके तहत 15 लाख 71 हजार किसानों से 80 लाख 37 हजार टन धान की खरीदी की गई है, जिन्हें 20 हजार 2 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा रहा है।
यह ऐतिहासिक निर्णय है कि देश में पहली बार किसानों से सबसे अधिक कीमत पर धान खरीदी की जा रही है। इसके लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 900 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश के उचित मूल्य दुकानों के कम्प्यूटरीकरण के लिए 2 करोड़ 80 लाख रूपए, उचित मूल्य दुकानों को आर्थिक सहायता के लिए 50 करोड़ रूपए, पहुंच विहीन दुकानों में अग्रिम भण्डारण के लिए ढाई करोड़ रूपए, शक्कर के लिए 100 करोड़ रूपए, भण्डारण क्षमता विकास के लिए 10 करोड़ 50 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया गया है।
आवास एवं पर्यावरण विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए मोहम्मद अकबर ने घोषणा की कि रायपुर विकास प्राधिकरण की महत्वपूर्ण योजना नगर विकास योजना- 4 (कमल विहार) के अनुभव बहुत अच्छे नहीं होने से राज्य सरकार ने नगर विकास योजना-5 जिसमें 6 गांव सम्मिलित थे, को भू-स्वामियों के हित में समाप्त कर दिया है।
उन्होंने कहा कि जिनकी भूमि ली गई है, उन प्रभावित भू-स्वामियों को नियमानुसार 35 प्रतिशत भूमि दी जाएगी। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए मोहम्मद अकबर ने बताया कि रायपुर-कोरबा-रायगढ़-जांजगीर चांपा में प्रदूषण की जांच के लिए आईआईटी मुंबई एवं आईआईटी खडग़पुर के द्वारा परीक्षण किया गया था।
उनके प्रतिवेदन के आधार पर एक्शन प्लान बनाया गया है, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अकबर ने वन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा में घोषणा की कि अब भोरमदेव टाइगर रिजर्व नहीं बनेगा। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर बताया कि कोरबा जिले में लेमरू प्रोजेक्ट बंद नहीं किया गया है। साथ ही कटरा रेस्ट हाउस को बेहतर करने के लिए कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब प्रति मानक बोरा 2500 रूपए के बदले चार हजार रूपए संग्रहण पारिश्रमिक दिया जाएगा, जो गत वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है। इससे लगभग 12 लाख 50 हजार वनवासी लाभान्वित होंगे। अकबर ने बताया कि चरण पादुका योजना बंद नहीं की गई है। अब तेंदूपत्ता संग्राहक को उनके संग्रहण दर की पूर्ण राशि प्रदान की जाएगी, उससे वे अपनी पसंद के चरणपादुका खरीद सकेंगे। बजट में लघु वनोपज संग्रहण कार्य के लिए 50 करोड़ 98 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।
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