रायपुर। बदलापुर के भाजपा के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि पुलिस विभाग के सामान्य स्थानांतरणों तक में बदलापुर की राजनीति का झूठा निराधार आरोप लगाने वाली भाजपा बताए कि शिव अनंत तायल एक आईएएस अधिकारी के द्वारा सिर्फ यह पूछना कि दीनदयाल उपाध्याय का क्या योगदान है।
भाजपा सरकार को बर्दाशत नहीं हुआ था। एक योग्य आईएएस अधिकारी को जो यंत्रणा दी गई उसे पूरा प्रदेश जानता है। पुलिस इंस्पेक्टरों के स्थानांतरण पर हायतौबा मचाने के पहले भाजपा अपने गरेबांन में झांक कर देखे तो बेहतर होगा। शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि स्थानांतरण होना एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है।
भाजपा सरकार में लगातार पनपती रही कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की संस्कृति में स्थानांतरण पुरस्कार था दंड रहा होगा। कांग्रेस की सरकार में अब परिस्थितियां बदल गई हैं। भाजपा द्वारा स्थानांरणों में भी राजनीति करना दूषित और गलत मानसिकता का जीताजागता सबूत है। इसी दूषित और गलत मानसिकता के कारण भाजपा को जनता ने 15 सीटों तक सीमित कर दिया।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा सीडी लहराने पर जुर्म दर्ज करवाने वाली भाजपा के नेता अपने ही मंत्रियों की अश्लील सीडी बनाने में लगे थे। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस अश्लील वीडियो के बारे में सिर्फ जानता ही नहीं था बल्कि भाजपा सरकार में अश्लील सीडी बनवाने से लेकर बंटवाने तक में मुख्यमंत्री निवास की भूमिका थी।
ऐसी भाजपा के मुंह से बदलापुर के झूठे निराधार आरोप शोभा नहीं देते हैं। भाजपा के लोग इस अश्लील वीडियो के बारे में जानते थे फिर भी इसे नहीं रोका गया। इसकी जानकारी मात्र प्रदेश के जिम्मेदार मीडिया को देने के लिये प्रेस कान्फ्रेस करने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जुर्म दर्ज कराया गया।
दरअसल सीडी मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल का कोई अपराध ही नहीं था। दरअसल भाजपा की लाठी-गोली की सरकार के अत्याचार भ्रष्टाचार कमीशनखोरी आतंक और लूट के खिलाफ आवाज उठाना ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल का अपराध था।
शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि भाजपा बतलाये कि जीरम में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर जिस जगह माओवादी हमला हुआ, ठीक उसी जगह पुलिस सुरक्षा नहीं देना क्या था? दुनिया का सबसे बड़ा राजनैतिक नरसंहार होना और उसकी साजिश की जांच तक नहीं होने देना कौन सी राजनीति थी? दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने आपसी गहरी मित्रता के परिणाम स्वरूप के साथ मिलकर अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की खरीद-फरोख्त को अंजाम दिया था। वह बेहद दुर्भाग्यजनक था और उससे भी अधिक यह दुर्भाग्यजनक था कि इस खरीद-फरोख्त के पुख्ता सबूत होने के बावजूद इसकी आज तक जांच नहीं होने दी गयी। भाजपा की निगाहो में यह सब ठीक था, रमन राज में हुयी हत्यायें, लाठी, गोली, कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार ठीक था, जायज था, वाजिब था। लेकिन कांग्रेस की सरकार में कुछ पुलिस के इंस्पेक्टरों का तबादले में भाजपा को बदलापुर का भूत दिखलाई देने लगता है।
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