रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव राजेंद्र पप्पू बंजारे ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज हर ऑखें नम है। भारत ने अपने 42 सपूतों को खोया है। बंजारे ने कहा कि जुमले से चुनाव जीते तो जा सकते हैं,लेकिन देश का दिल नहीं। आज न केवल शहीद के घर से बल्कि, पूरा देश सरकार से पूछ रहा है कि कब मिलेगा खून का बदला खून। आतंकियों के खिलाफ सख्ती की जगह नरमी कब तक। एक सिर के बदले दस सिर कितने चुनाव के बाद आयेंगे। पुलवामा कांड से एक बात साफ हो गई कि नोटबंदी से आतंकवाद की कमर टूटी नहीं। पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 42 जवानों की बर्बर हत्या से उजागर हुआ कि केंद्र की भाजपा सरकार के पास अभी भी देश के नम्बर एक शत्रु से निपटने के लिए कारगर नीति नहीं है।
यह सरकार के लिए महत्वपूर्ण समय है कि वह देश के दुश्मनों के साथ नरम उपाय नहीं बल्कि, गोली के बदले गोली से ही आतंकियों को नेस्तनाबूद किया जाना चाहिए। आगे बंजारे ने कहा कि सवाल यह है कि आखिर कब तक देश आतंकियों की कायराना हत्या और साजिश के खिलाफ मुंह तोड़ जवाब देेंगे, जैसे बयान सरकार में बैठे लोग देते रहेंगे। अब वक्त आ गया है आतंकवाद के खिलाफ आर पार की लड़ाई लडऩे की। केवल सर्जिकल स्ट्राइक से हमारे शहीदों के बलिदान का बदला पूरा नहीं होगा। सरकार को इस दिशा में ठोस और देश हित में निर्णय लेना चाहिए। साथ ही नौजवानों को राजनीति के बंधन से मुक्त कर उन्हें देश की सीमा पर दुश्मनों से लडऩे के लिए अधिकारों में और छूट दे। पुलवामा कांड इस बात का संकेत है कि आतंकी हमले से निबटने में सरकार की नाकामियों को उजागर कर ऑख खोलने वाला है। उरी की घटना से हमने कोई सबक नहीं लिया। मोदी के पी.एम बनने से लेकर अब तक देश पर 17 बार आतंकी हमले हो चुके हैं। यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है।
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