रायपुर। लोकसभा चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में प्रदेश के सभी जिलों के निर्वाचन व्यय निगरानी के नोडल अधिकारियों एवं मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया। इस बार के चुनाव में उम्मीदवारों की हर राजनीतिक गतिविधियों एवं खर्च पर टीमें निगरानी रखेंगी, इसके लिए टीमें तैनात रहेंगी।
साथ ही कौन प्रत्याशी कितना खर्च कर रहा है इसकी जानकारी आम नागरीक भी ले सकता है। इसके लिए उन्हें ज्यादा खर्च करने की जरुरत नहीं है सिर्फ एक रुपये जमा कर पूरी जानकारी देख सकता है।
मास्टर ट्रेनर पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि निर्वाचन के दौरान व्यय निगरानी दल राजनीतिक दलों तथा प्रत्याशी के प्रचार-प्रसार और उनके द्वारा किए जा रहे जनसम्पर्क के विभिन्न माध्यमों तथा उसके लिए किए जा रहे उपक्रमों के व्यय का लेखा-जोखा तैयार करेगी।
ये व्यय निगरानी दल निर्वाचन क्षेत्र के लिए गठित वीडियो निगरानी दल, वीडियो अवलोकन दल, लेखा दल, स्थैतिक निगरानी दल, एमसीसी, एमसीएमसी तथा नियंत्रण कक्ष के सहयोग तथा समन्वय से काम करेगा।
लोकसभा निर्वाचन के लिए कोई भी अभ्यर्थी 70 लाख रुपये व्यय कर सकता है। व्यय निगरानी दल हर उस संदिग्ध लेनदेन, परिवहन तथा व्यवहार पर नजर रखेंगे, जो निष्पक्ष निर्वाचन के किसी भी पक्ष को प्रभावित कर सकता है। प्रत्याशी के किसी भी व्यय पर मतभेद अथवा विवाद की स्थिति में जिला व्यय निगरानी समिति जिसके प्रमुख व्यय प्रेक्षक होते हैं, उनके समक्ष पक्ष रखा जा सकता है।
मास्टर ट्रेनर श्रीकांत वर्मा ने बताया कि प्रत्याशी के प्रतिदिन की राजनीतिक गतिविधि की रिकार्डिंग वीडियो निगरानी दल करता है। जिसकी प्रतिलिपि तीन सौ रुपये देकर कोई भी नागरिक ले सकता है।
आचार संहिता लगने के साथ ही प्रचार के लिए तथा प्रचारकों के साथ चलने वाले वाहनों के व्यय, हेलीकॉप्टर से यात्रा, उस पर हुए व्यय का समायोजन, नकद राशि की प्राप्ति, सीमा से अधिक उपहार अथवा धन प्राप्त होने पर की जाने वाली कार्रवाइयों के संबंध में भी बताया गया।
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