श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है। पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में सुरक्षाबलों के काफिले पर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ने आत्मघाती हमला किया। इस धमाके में 18 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए और 45 जवान घायल हैं, इनमें 18 जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है।
घाटी में काफी लंबे समय के बाद आतंकियों ने आत्मघाती हमले के जरिए सुरक्षाबलों पर बड़े हमले को अंजाम दिया है। शहीद जवानों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। संख्या अभी भी बढ़ रहे हैं।
घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके साथ ही इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि काफिले में सीआरपीएफ की करीब दर्जनभर गाडिय़ों में 2500 से अधिक जवान सवार थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों की दो गाडिय़ों को निशाना बनाया है। उरी के बाद यह बड़ा आतंकी हमला है। उरी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे।
जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें डेढ़ दर्जन जवानों के शहीद होने की खबर है और कई घायल हैं। जेईएम प्रवक्ता मुहम्मद हसन ने एक बयान में कहा कि हमले में सुरक्षाबलों के दर्जनों वाहन नष्ट कर दिए।
एक समाचार एजेंसी को दिए एक टेली स्टेटमेंट में जैश ए मोहम्मद के प्रवक्ता ने बताया कि यह फिदायीन हमला था। इसको अंजाम देने वाला ड्राइवर पुलवामा के गुंडई बाग का रहने वाला है। इसका नाम आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो है। आदिल अहमद का एक फोटो भी सामने आया है। इसमें वह अपने आपको जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर बता रहा है और लिखा, गिन रखा है अपने लहू का हर कतरा हमने, न बख्शे हमारे शहीद हमें, जो हमने तुमको एक-एक कतरा गिनवाया नहीं- जाहिद बिन तलहा।
सीआरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि सड़क पर एक चार पहिया वाहन में आईईडी लगाया गया था। कार हाईवे पर खड़ी थी। जैसे ही सुरक्षाबलों का काफिला कार के पास से गुजरा, उसमें ब्लास्ट हो गया। इस दौरान काफिले पर फायरिंग की भी खबर है। इस हमले में 18 सीआरपीएफ जवानों की मौत गई, जबकि 18 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सबसे अधिक संभावना है कि यह एक रिमोट कंट्रोल्ड व्हीकल आईईडी था।
काफिले में 2500 जवान थे शामिल
सीआरपीएफ के डीजी आरआर भटनागर ने कहा कि जम्मू से श्रीनगर काफिला जा रहा था। काफिले में करीब 2500 लोग थे।
घाटे के काले दिनों की याद दिलाता है हमला
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद ने फिदायीन हमले का दावा किया है। यह हमला 2004-05 के पहले के काले दिनों की याद दिलाते हैं।
सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया था अलर्ट
अफजल गुरू की बरसी यानि 8 फरवरी को खुफिय़ा एजेंसियों ने बड़ा अलर्ट जारी किया था, जिसमें आईईडी प्लांट का अलर्ट था। इस अलर्ट में कहा गया था कि जम्मू कश्मीर में आतंकी सुरक्षा बलों के डिप्लॉयमेन्ट और उनके आने जाने के रास्ते पर ढ्ढश्वष्ठ से हमला कर सकते हैं। सुरक्षा बलों को अलर्ट करते हुए खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि एरिया को बिना सेंसिटाइज किए उस एरिया में ड्यूटी पर न जाएं।
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