जगदलपुर। बस्तर में शांति के लिए 22 फरवरी से निकलने वाली शांति साइकिल यात्रा का माओवादियों ने विरोध किया है। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने एक पर्चा जारी करते हुए कहा है कि वे शांति वार्ता के विरोधी नहीं है।
उन्होंने हमेशा कहा है कि अनुकूल माहौल में जनता व जनआंदोलनों के हित में वह जनता की मुलभूत समस्याओं को लेकर शासक वर्ग के साथ वार्ता करने को तैयार है, लेकिन ऐसा माहौल तो तैयार करें। उन्होंने कहा कि आज के हालात ऐसे नहीं है। इस साइकिल यात्रा में शांति संभव नहीं है।
डीकेएसएडसी ने अपने पर्चें में इस शांति साइकिल यात्रा कार्यक्रम के संयोजक सुभ्रांशु चौधरी को कॉरपोरेट घरानों का एजेंट बताते हुए कहा सरकार जो आदिवासियों पर बर्बरता कर रही है, उससे ध्यान हटाने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं।
सिर्फ साइकिल मार्च निकालने से शांति नहीं आएगी। अगर सहीं माएने में शांति चाहिए तो उन्होंने पेसा कानून से लेकर पांचवी अनुसूची, निर्मला बुच समिति द्वारा तय नियमों को फॉलो करने और बस्तर की जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा करने जैसे 30 से अधिक मामले में बताए।
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