बिलासपुर। हाई कोर्ट बिलासपुर ने ईओडब्ल्यू निरीक्षक आरके दुबे को सुरक्षा देने से इंकार कर दिया है। श्री दुबे ने अपने वकील संतोषचन्द्र वर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिया दायर कर सुरक्षा देने की मांग की थी। इस पर आज जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने सुनाई की और यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने उन्हें जांच में सहयोग करने की बात कही है।
ज्ञात हो कि आईपीएस मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की है। दोनों ही आईपीएस अधिकारियों पर फोन टैपिंग का आरोप है। इसके अलावा नान घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह पर भी एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी की जांच का जिम्मा आईपीएस दीपक झा को सौंपा गया है। उनके अलावा चार और सदस्य भी कमेटी में है।
उल्लेखनीय है कि 12 फरवरी 2015 को एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा ने प्रदेश में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के अधिकारियों और कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की थी।
जिसमें करोड़ों के भ्रष्टाचार से संबंधित दस्तावेज मिले थे। टीम ने हार्ड डिस्क, कागज और डायरी भी जब्त की थी। छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद नान घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का बनाई है। उसके बाद से ही मामला गरम है।
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